हमीरपुर- मौदहा बांध की वजह से किसानों को मिली राहत

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हमीरपुर: मौसम के धोखा देने के वजह से काफी लंबे समय से पानी कि समस्या से किसानों का हुआ बेहाल. हांलाकि पिछले साल का 71 मिलियन घन मीटर पानी बचा रहा, जिसके कारण किसानों को ज्यादा समय तक इस परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा. इस बचे हुए पानी ने गांव के किसानों के लिए संजीवनी का काम किया है.

आपको बता दें कि इस गांव के लोग पानी के कारण काफी समय से परेशान चल रहें थे. इस वजह से उन्होंने प्रशासन से मांग की, की उन्हें ज़िल में मौजूद मौदहा बांध के जरिए पानी उपलब्ध करवाया जाए. अभियंताओं ने किसानों की इस मांग पर 37 मिलियन पानी नहरों में छोड़ा तो सूखी पड़ी जमीन हरी भरी हो गई. वहीं गेंहू की सिचाई के लिए भी 15 दिन तक नहरे फिर चलाई गई. स्थानीय जानकारी के अनुसार, तालाबों को भरने के लिए भी 15 दिन तक पानी छोड़ा गया है.

बता दें कि इस ज़िले का किसान प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहा है. पिछले साल मानसून ने दगा दे दिया था. जिसके कारण ग्रामीण को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ा. पर साल 2016 में हुई मानसूनी बारिशा से 147 मिलियन घन मीटर पानी से मौदहा बांध लबालब हो गया. जिसके चलते 2017 में नहरों से सिंचाई को भरपूर पानी मिला. वहीं इस बार मानसूनी बरसात ने धोखा दे दिया. बांध में पानी के बचा होने से मौदहा, मुस्करा, व सुमेरपुर ब्लाक क्षेत्रों में फैली छोटी-बड़ी सौ माइनरों की टेलों तक पानी पहुंचाया गया. जिस कारण नहरे 30 दिनों तक लगातार संचालित रहीं. ज़िले में यह एक ऐसा बांध है, जिससे हर साल 22 हजार हेक्टेयर जमींन की सिंचाई का काम सुचारू रूप से होता है.

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मौदह बांध मे अभी तक 10 मिलियन घन मीटर पानी मौजूद है. इससे 15 दिन तक नहरों का संचालन किया जा सकता है. इस बांध में 200 मिलियन घन मीटर पानी भरा जा सकता है. इस साल बरसात ना होने की वजह से सिर्फ 71 मिलियन पानी ही बांध में शेष रहें गया था. पर किसानों द्वारा मांग करने पर अधिशासी अभियंता अनिल कुमार निरंजन ने मौदहा बांध से पानी तालाब और नहरों में छोड़ा.

जल निगम को 2.6 मिलियन घन मीटर पानी देना होगा

मौदहा बांध से जलनिगम को 2.6 मिलियन घन मीटर पानी देने का फैसला किया गया है. जलनिगम को इस बांध के जरिए आठ कस्बे को पानी देना होगा. जिसके तहत एक ट्रीटमेंट प्लांट के साथ एक पाइप डाली जा रही है. बहरहाल, जलनिगम प्लांट बनाने का काम शुरू नहीं क्र सका है. जिसके कारण बांध से दिया जाने वाला पानी को जलनिगम के लिए स्टॉक में रखा गया है. समय पर मौसम द्वारा पानी ना बरसाने से सपरार प्रखंड झोसी, अर्जुन बांध व बेतबा प्रखंड में पानी की कमी से नहरे सूखी पड़ा गई है.