देश के सबसे बड़े राज्य में होने जा रहा है परीक्षा व्यवस्था को लेकर नया बदलाव

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उत्तर प्रदेश में सत्ता संभालने के बाद बीजेपी के योगी आदित्यनाथ ने कई ऐसे फैसले लिए हैं जो मीडिया की सुर्खियों में रहे हैं। अब एक बार फिर सीएम योगी अपने नए फैसले से खबरों में छा गए हैं। आपको बता दें कि अब यूपी में बोर्ड परीक्षाओं से पहले प्री-बोर्ड फार्मूले पर काम किया जाएगा। कहा जा रहा है कि अगले सत्र से इसकी शुरुआत की जा सकती है। प्री-बोर्ड का ये कॉन्सेप्ट राजधानी लखनऊ के डीआईओएस ने पेश किया है।

छात्रों की तैयारी को और बेहतर बनाने और उनके रिजल्ट में सुधार लाने के मकसद से लखनऊ में यूपी बोर्ड परीक्षाओं से पहले प्री-बोर्ड परीक्षा का ये फैसला लिया गया है। पहली बार जिले में 2 प्री-बोर्ड परीक्षा की व्यवस्था लागू की गई है। राजधानी में पहला प्री बोर्ड 1 से 10 दिसंबर, दूसरा 1 से 10 जनवरी तक करवाने के निर्देश दिया गया है। ये प्री बोर्ड परीक्षा यूपी बोर्ड परीक्षा के मॉडल प्रश्नपत्रों पर आधारित होगी। बता दें लखनऊ के 766 विद्यालयों के करीब 98 हज़ार छात्र पंजीकृत हैं।

In Uttar Pradesh soon education system will be change 1 news4social -

मीडिया रिपोर्ट है कि डीआईओएस, लखनऊ का फार्मूला पूरे प्रदेश में भी लागू किया जा सकता है। सरकार इस पर विचार कर रही है। मामते में डीआईओएस के मॉडल को मंगवा लिया गया है। हालांकि अधिकारी अभी इस पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

दरअसल यूपी सरकार बोर्ड परीक्षा की व्यवस्था को दुरुस्त करने के साथ ही छात्रों के प्रदर्शन को भी बेहतर करने की कोशिश में लगी हुई है। इसी क्रम में पहली बार बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी के लिए बोर्ड की तरफ से मॉडल सिलेबस जारी किए गए हैं। जिसमें साफ कर दिया गया है कि बोर्ड परीक्षा में इन्हीं मॉडल सिलेबस से ही सवाल पूछे जाएंगे। इसी क्रम में अब प्री बोर्ड की कवायद को भी इसी कोशिश से जोड़कर देखा जा रहा है।

डीआईओएस मुकेश कुमार सिंह कहते हैं कि यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 7 फरवरी, 2019 से शुरू होनी हैं. छात्र-छात्राएं बोर्ड परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकें इसके लिए लखनऊ में शिक्षा विभाग ने 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए दो बार प्री-बोर्ड परीक्षा कराने की व्यवस्था लागू की है. खास बात यह है कि इसकी कॉपियों का मूल्यांकन उसी तरह कराया जाएगा जैसे बोर्ड परीक्षाओं की कॉपियां चेक होती हैं।

योजना ये है कि इस परिणाम में जिन छात्रों को जिस विषय में अंक कम मिलेंगे, उसके लिए रिमेडियल क्लासेज की व्यवस्था कराई जाएगी. इसके लिए सभी कॉलेजों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने यहां 10वीं और 12वीं के छात्रों का कोर्स 15 नवंबर तक पूरा करा लें, जिससे बाद में प्री-बोर्ड पर