किस महीने में माता वैष्णो देवी की प्रचीन गुफा खुलती है ?

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vaishno devi
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किस महीने में माता वैष्णो देवी की प्रचीन गुफा खुलती है ?

माँ वैष्णो देवी के दर्शन के लिए भक्तों में बेसब्री से इंतेज़ार होता है।भक्तजन आँखे बिछाये रखते है कि कब उन्हें देवी माँ के दर्शन होंगे और उनका जीवन सफल हो जाएगा। अगर आप भी मां के दरबार में जाने का विचार कर रहे है। कुछ बातें जानना आपके लिए काफी महतवपूर्ण है।

मां वैष्णो देवी की प्राचीन गुफा भी काफी प्रख्यात है। इस गुफा से जोड़ी यह कथा है कि देवी त्रिकूटा यानी मां वैष्णो देवी का निवास स्थान जम्मू में माणिक पहाड़ियों की त्रिकुटा श्रृंखला में एक गुफा में है। देवी त्रिकूटा के निवास के कारण इस पर्वत को त्रिकूट पर्वत कहा जाता है। मान्यता के अनुसार इस पर्वत पर माता एक गुफा में वास करती हैं। माता ने यहीं पर भैरों बाबा को अपने त्रिशूल से मारा था और उनका सिर उड़कर भैरों घाटी में चला गया और शरीर यहां रह गया।

माता वैष्णो देवी की प्रचीन गुफा
माता वैष्णो देवी

प्राचीन गुफा का महत्व इसलिए भी है क्योंकि इसमें पवित्र गंगा जल प्रवाहित होता रहता है। श्रद्धालु इस जल से पवित्र होकर मां के दरबार में पहुंचते हैं जो एक अद्भुत अनुभव होता है। पवित्र गुफा की लंबाई 98 फीट है। गुफा में प्रवेश और निकास के लिए दो कृत्रिम रास्ते है। इस गुफा में एक बड़ा चबूतरा भी बना हुआ है। इस चबूतरे पर माता का आसन है, जहां देवी त्रिकूटा अपनी माताओं के साथ विराजमान रहती हैं।

कुछ ही भक्तों को प्राचीन गुफा से माता के भवन में प्रवेश का अवसर मिल पाता है। यह नियम है कि जब कभी भी दस हजार से कम श्रद्धालु होंगे तभी प्राचीन गुफा का द्वार खोल दिए जायेगे और इस प्राचीन गुफा द्वारा माँ के दर्शन करने का मौका मिलेगा। माता वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए वर्तमान में जिस रास्ते का इस्तेमाल किया जाता है वह गुफा में प्रवेश का प्राकृतिक रास्ता नहीं है। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए कृत्रिम रास्ते का निर्माण 1977 में किया गया। वर्तमान में इसी रास्ते से श्रद्धालु माता के दरबार में प्रवेश करते हैं।

माता वैष्णो देवी की प्रचीन गुफा
माता वैष्णो देवी की प्रचीन गुफा

आपको बता दे कि यह प्राचीन गुफा केवल जनवरी और फरवरी के दौरान खोली जाती है जब भीड़ बहुत कम होती है। शेष महीनों में तीर्थयात्रियों को गर्भगृह तक पहुंचने के लिए नई गुफाओं से होकर गुजरना पड़ता है , हर साल मकर संक्रांति के बाद तीर्थयात्रियों के लिए यह प्राकृतिक गुफा खोली जाती है और साल 2020 में जनवरी माह में खोली गई थी।

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अब साल 2020 में यह प्राचीन गुफा नहीं खुलेगी और यह प्राचीन गुफा साल 2021 में जनवरी माह में खुलेगी भक्तजन वैष्णो देवी के दर्शन के लिए दूर -दूर से आते है हार , भक्त की एक ही आस होती है की देवी माँ के दर्शन हो जाए और उनका जीवन धन्य हो जाए। इसीलिए माँ के दर्शन के लिए भक्जन हर साल भड़ी मात्रा में आते है।

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