ऐसा कौन -सा मंदिर है जहां प्रसाद के रूप में मटन बिरयानी परोसा जाता है?

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भारत में किसी भी मंदिर में प्रसाद के रूप में नारियल या कोई फल दिए जाते है। अधिकतर जगह पर भोग के तौर पर खिचड़ी का भी प्रावधान है लेकिन क्या आप जानते है भारत में एक ऐसा भी मंदिर जहां भक्तों को प्रसाद के रूप में बिरयानी दी जाती है। भारत में बिरयानी काफी पसंद की जाती है। हमारे देश में किसी उत्सव पर या किसी विशेष दिन पर बिरयानी बनाई जाती है, लेकिन मंदिर में बिरयानी मिलना काफी हैरान करता है। तमिलनाडु में कई ऐसे मंदिर है जो अपनी प्राचीनता, बनावट की शैली, चमत्कारिक घटनाओं के चलते विश्वभर में काफी प्रख्यात है। तमिलनाडु के मदुरै जिले में तिरूमंगलम तालुक में स्थित वाड़ाक्कमपट्टी में स्थित मूनियाननदी स्वामी मंदिर है जहां साल में एक बार तीन दिनों के लिए एक वार्षिक महोत्सव का आयोजन बड़े स्तर पर होता है। जहां भक्तों को प्रसाद के रूप में गरमा-गरम मटन-बिरयानी दी जाती है।

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आपको साथ ही यह भी बताना चाहेंगे की मदुरै के वडक्कम पट्टी गांव में हर साल देवी मुनियांदी की असीम कृपा पाने के लिए इस भव्य उत्सव का आयोजन होता है। यहां पर कई सालों से देवी को प्रसन्न करने के लिए मटन बिरयानी प्रसाद के रूप में भगवान को अर्पित की जाती है। इस फ़ेस्टिवल में शामिल होने के लिए वाले हज़ारों लोगों की भीड़ जुटती है। इस अनोखी परंपरा की शुरुआत साल 1973 में मटन बिरयानी बेचने वाले एक होटल के मालिक गुरु स्वामी नायडू ने की थी।

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इस प्राचीन प्रथा का पालन लगभग 80 सालों से भी ज्यादा किया जा रहा है, यह विशेष दिन के लिए 500 बकरों की बलि दी जाती है। सैकड़ों रसोइये मिलकर इसे बनाते हैं। यह तीन दिन यहाँ उत्सव के तौर पर बनाया जाता है। इस भव्य आयोजन का मकसद मूनियाननदी स्वामी को संतुष्ट और खुश करने के लिए की जाती है। ताकि भक्तों को मूनियाननदी स्वामी की असीम कृपा प्राप्त हो सके।