क्या अंग्रेजों ने भारत को बस 99 साल के लिए आजाद किया था?

2918
news
क्या अंग्रेजों ने भारत को बस 99 साल के लिए आजाद किया था?

भारत को 99 साल की लीज पर देने की बात को लेकर दिल्‍ली स्थित दयाल सिंह कॉलेज के असिस्‍टेंट प्रोफेसर महेश कुमार दीपक कहते हैं कि यह दावा पूरी तरह झूठ है। भारत और पाकिस्‍तान को आजादी देने के लिए अंग्रेजों ने भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 (Indian Independence Act 1947) बनाया था। दोनों आजाद मुल्‍कों के स्‍वरूप के लिए चार जुलाई 1947 को ‘भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम’ ब्रिटेन की संसद में पेश हुआ। 18 जुलाई को यह पास हुआ था। इसी के आधार पर ब्रिटिश भारत को दो भागों में बांटा गया।

कैबिनेट मिशन प्‍लान के तहत भारत के नए संविधान बनाने के लिए संविधान पीठ का निर्माण किया गया। इसका जिक्र भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 के सेक्‍शन 8 में भी किया गया। इसके बाद तय किया गया है कि संविधान का नया ड्रॉफट पर गर्वनर जनरल की सहमति ले ली जाए, जो कि ब्रिटिश सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर भारत में मौजूद हैं।लेकिन बाद में हिंदुस्‍तान की तरफ से तय किया गया कि संविधान को किसी भी अप्रूवल के लिए ब्रिटिश पॉलियामेंट या गर्वनर जनरल के सामने पेश नहीं किया जाएगा।

india facts

इतना ही नहीं संविधान के अनुच्‍छेद 395 के तहत भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 को खत्‍म करने की बात भी लिखी गई। अनुच्‍छेद 395 के अनुसार, भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947, भारत सरकार अधिनियम, 1953 तथा इनके अन्य पूरक अधिनियमों को, जिसमें प्रिवी कौंसिल क्षेत्राधिकार अधिनियम शामिल नहीं है, यहां रद्द किया जाता है।

सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट स्‍म‍हर सिंह कहते हैं कि वायरल वीडियो सिर्फ फर्जी ही नहीं है, बल्कि इसमें कोई सच्‍चाई भी नहीं है। जहां तक अनुच्‍छेद 395 है, वह एकदम क्लियर है। इसे अस्तिव में आने के बाद भारतीय स्‍वतंत्रता अधिनियम 1947 और भारत सरकार अधिनियम 1953 दोनों ही खत्‍म होते हैं।अब बात बात करते हैं उस आरटीआई की, जिसके बारे में वीडियो में दावा किया गया है। यह ज्ञात तथ्‍य है कि 14 अगस्‍त 1947 तक भारत में इंग्‍लैंड का शासन था।

यह भी पढ़ें : जानें दिल्ली के कुतुब मीनार का अदभुत इतिहास !

 british india

आधी रात के बाद भारत इंग्‍लैंड का अधिराज्‍य (Dominion) बना। इसके तहत तय किया गया है कि भारत जब तक अपनी खुद की व्‍यवस्‍था नहीं बना लेता, तब तक वह इंग्‍लैंड से सलाह लेता लेगा। इस बात का उल्‍लेख भारत स्वतंत्रता अधिनियम 1947 में भी किया गया। दयाल सिंह कॉलेज के असिस्‍टेंट प्रोफेसर महेश कुमार दीपक ने बताया कि 1950 तक हमारे पास कोई लिखित संविधान नहीं था। हमें स्‍वतंत्रता मिल चुकी थी, लेकिन इन तीन सालों में वही कानून भारत में लागू था, जो 1935 से चला आ रहा था। इसका नाम भारत सरकार अधिनियम था। 1940 आते-आते काफी हद तक इस कानून का भारतीयकरण हो चुका था।

1947 से लेकर 1950 तक भारत में भारत अधिराज्‍य (Dominion of India) था। यह एक अस्‍थायी शासन व्‍यवस्‍था थी। 1947 में ब्रिटेन की संसद में भारतीय स्‍वतंत्रता अधिनियम पारित होने के बाद ब्रिटिश सरकार ने भारत पर अपनी प्रभुता त्‍याग दी और इंडिया में स्‍वराज लागू हो गया। इंग्‍लैंड के किंग जार्ज (षष्ठम) को भारत का राष्ट्राध्यक्ष बनाया गया। उनके प्रतिनिधि के तौर पर गर्वनर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को नियुक्‍त किया गया। 1950 को देश में संविधान लागू होने के बाद भारत स्‍वतंत्र गणराज्‍य बन गया और भारत के राजा और गर्वनर जनरल का पद समाप्‍त हो गया।

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. News4social इनकी पुष्टि नहीं करता है. यह खबर इंटरनेट से ली गयी है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

Today latest news in hindi के लिए लिए हमे फेसबुक , ट्विटर और इंस्टाग्राम में फॉलो करे | Get all Breaking News in Hindi related to live update of politics News in hindi , sports hindi news , Bollywood Hindi News , technology and education etc.