इस लिस्ट में बांग्लादेश और नेपाल जैसे देशों से भी पीछे है भारत , पाक की है यह स्थिति

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इस लिस्ट में बांग्लादेश और नेपाल जैसे देशों से भी पीछे है भारत , पाक की है यह स्थिति

मंगलवार को एक वैश्विक स्तर का आंकड़ा जारी हुआ। जिसमें भारत नीचे 4 पायदान खिसक गया है। आपको बता दें कि इस लिस्ट में भारत 112वें स्थान पर है। भारत इस लिस्ट में श्रीलंका, नेपाल और बांग्लादेश जैसे देशों से भी पीछे हो गया है। आइये जानते हैं कि यह आंकड़ा किस बारे में है।

महिलाओं के स्वास्थ्य और उत्तरजीविता और आर्थिक भागीदारी के मामले में व्यापक असमानता के बीच भारत लिंगानुपात के मामले में वैश्विक स्तर पर 112 वें स्थान पर फिसल गया है। यह एक वार्षिक सर्वेक्षण है। इस लिस्ट का मतलब होता है कि किसी देश में महिला और पुरुष के बीच के अंतर को बताना। जिस देश में पुरुषों की भागीदारी महिलाओं के मुकाबले ज्यादा रहती है वह देश सबसे नीचे रहता है।

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अगर इस लिंगानुपात की लिस्ट में नंबर 1 देश की बात की जाये तो इसमें आइसलैंड दुनिया का सबसे लिंग-तटस्थ देश है। भारत वर्ल्ड इकोनॉमिक फ़ोरम (WEF) की जेंडर गैप रिपोर्ट पर पिछले साल अपनी 108 वीं पायदान पर था। अब उससे भी नीचे गिरकर भारत चीन (106 वां), श्रीलंका (102 वां), ब्राजील (92 वां), इंडोनेशिया (85 वां) और बांग्लादेश (50 वां), नेपाल (101 वां) जैसे देशों से भी पीछे चला गया है। ।

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यमन देश इस मामलें में सबसे खराब (153 वें) स्थान पर है, जबकि इराक 152 वें और पाकिस्तान 151 वें स्थान पर है। सार्वजनिक-निजी सहयोग के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन, जेनेवा स्थित WEF ने कहा कि इस साल के सुधार को काफी हद तक राजनीति में महिलाओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि के रूप में देखा जा सकता है।

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आपको बता दें कि डब्ल्यूईएफ ने 2006 में अपनी पहली लिंग अंतर रिपोर्ट प्रकाशित की थी, तब भारत 98 वें स्थान पर था।

डब्ल्यूईएफ ने कहा कि भारत में महिलाओं के लिए आर्थिक अवसर बेहद सीमित हैं। यह आर्थिक अवसर (35.4 प्रतिशत) है। वहीं पाकिस्तान (32.7 प्रतिशत), यमन (27.3 प्रतिशत), सीरिया (24.9 प्रतिशत) और इराक (22.7 प्रतिशत) है।