जम्मू-कश्मीर में हिंसक प्रदर्शन और पत्थरबाजी की घटना आम सी बात है, और ऐसे उग्र प्रदर्शनों को रोकने के लिए भारतीय सेना ने आंसू गैस, मिर्ची बम, पैलेट गन और रबर बुलेट जैसे हथियारों का तो इस्तेमाल कर चुकी है, लेकिन इनमे से ज्यादातर असरदार नही साबित हुए हैं.
अब भारतीय सेना ने अपने कदम के नए हथियार ‘साउंड कैनन’ के तरफ बढ़ा रही है. आपको बता दें कि साउंड कैनन एक ऐसी तकनीक है जो तेज शोर के माध्यम से भीड़ को तितर-बितर करने का काम करती है.
इस यंत्र की ख़ास बात यह है कि इसका शोर इतना तेज़ होता है, जिसकी वजह से लोगो का उस जगह पर रुकना संभव नही हो पाता है. हालाँकि इस यंत्र के अपने दुष्प्रभाव भी हैं. बहरापन, मानसिक-शारीरिक दिक्कत इत्यादि से लेकर बहरे होने तक की संभावना इस यंत्र की वजह से लोगो में होती है.
वैसे इस यंत्र के इस्तेमाल का अभी से विरोध होने लगा है, और यह विरोध करने वाले हैं मानवाधिकार संगठन. वैसे दुनिया के विभिन्न देशों में तो इस यंत्र का उपयोग किया जाता है, लेकिन फिर भी इसको एक शैतान से छुटकारा पाने के लिए दूसरे शैतान के पास जाने जैसा बताया जा रहा है.
अगर सबसे पहली बार इसके इस्तेमाल की बात बात करें तो वो 2009 में अमेरिका के पीट्सबर्ग शहर में जी 20 देशो के सम्मेलन के दौरान हुआ था. उदारीकरण का विरोध करती हुई भीड़ को नियंत्रित करने के लिए इसका इस्तेमाल किया गया था, जोकि सफल रहा था.
वैसे तो इसका इस्तेमाल शांतिपूर्ण ढंग से भी संभव है, और अपनी आवाज को दूर तक पहुचाने के लिए इसका इस्तेमाल बखूबी किया जाता है. लेकिन इससे तेज़ ध्वनी उत्पन्न करके भीड़ को हटाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है.
अब देखना ये होगा कि भारतीय सेना का यह प्रयोग कितना सही साबित होता है और भीड़ को खदेड़ने में कितनी मदद कर पाता है.