जेट एयरवेज को दिवाला घोषित करने की प्रक्रिया हुई शुरू, कम्पनी पर इतना है कर्ज

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जेट एयरवेज का परिचालन बंद होने के बाद अब इसे दिवाला करने की कार्यवाही शुरू हो चुकी है। कर्ज के बोझ से दबी निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी जेट एयरवेज का परिचालन 17 अप्रैल से बंद है। कर्जदाताओं ने इससे पहले इसी महीने एयरलाइन के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने के लिए मतदान किया था।

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मुंबई पीठ ने 20 जून को भारतीय स्टेट बैंक द्वारा 26 कर्जदाताओं की ओर से दायर दिवाला याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया था, जिसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि जल्द ही दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

शेयर बाजारों को भेजी सूचना में जेट एयरवेज ने कहा, ‘‘NCLT की मुंबई पीठ के 20 जून के आदेश के अनुसार जेट एयरवेज के खिलाफ इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड 2016 के तहत कॉरपोरेट दिवाला निपटान प्रक्रिया (CIRP) शुरू हो गई है।’’

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जेट एयरवेज ने आगे अपने बयान में कहा कि CIRP शुरू होने के बाद कंपनी के निदेशक मंडल के सभी अधिकार निलंबित हो गए हैं और अब अंतरिम निपटान पेशेवर द्वारा इनका इस्तेमाल किया जाएगा।

आपको बता दें कि जेट एयरवेज पर बैंकों का 8,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। इसके अतिरिक्त एयरलाइन पर वेंडरों, पट्टे पर विमान देने वालों और कर्मचारियों का भी हजारों करोड़ रुपये का बकाया है।

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जेट एयरलाइन पर उसे गुड्स और सर्विसेज देने वालों का 10,000 करोड़ रुपये और कर्मचारियों के वेतन का 3,000 करोड़ रुपये का बकाया है। जेट एयरवेज के कर्मचारियों की संख्या 23,000 है। पिछले कुछ साल के दौरान जेट एयरवेज का कुल नुकसान 13,000 करोड़ रुपये पर पहुंच चुका है। इस तरह एयरलाइन पर कुल 36,500 करोड़ रुपये का कर्ज है।

इसी साल अप्रैल में जेट एयरवेज बंद हो गयी थी। जेट एयरवेज की अंतिम फ्लाइट अप्रैल में उड़ी थी। एयरलाइन पर कंपनियों के कर्मचारियों का वेतन भी बकाया है।