Interview: साइबर क्रिमिनल आसानी से कैसे हैक कर ले रहे फेसबुक अकाउंट? सेलेब कॉनेक्स के फाउंडर ने बताई सोशल मीडिया की चुनौतियां

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Interview: साइबर क्रिमिनल आसानी से कैसे हैक कर ले रहे फेसबुक अकाउंट? सेलेब कॉनेक्स के फाउंडर ने बताई सोशल मीडिया की चुनौतियां

Interview: साइबर क्रिमिनल आसानी से कैसे हैक कर ले रहे फेसबुक अकाउंट? सेलेब कॉनेक्स के फाउंडर ने बताई सोशल मीडिया की चुनौतियां

यह युग इंटरनेट का है। लोगों तक इंटरनेट की पहुंच बढ़ने के साथ ही सोशल मीडिया का तेजी से विस्तार हो रहा है। नई-नई सोशल मीडिया कंपनियां भी उभर रही हैं। इस डिजिटल युग में प्राइवेसी बहुत अहम है। इसके साथ ही साइबर क्राइम से खुद को बचाना भी बड़ी चुनौती है। प्राइवेसी कैसे सुरक्षित रखें, साइबर क्राइम का शिकार होने से कैसे बचें… एनबीटी ऑनलाइन के ऐसे ही तमाम सवालों का जवाब दिया सेलेब कॉनेक्स के फाउंडर कैप्टन विनीत चतुर्वेदी ने।

आज के समय में सोशल मीडिया समाज का एक अभिन्न अंग बन चुका है। ऐसे में इसकी चुनौतियां क्या हैं?
सोशल मीडिया जितना समाज का अभिन्न अंग है उतनी ही ज़्यादा हमारी जिम्मेदारियां बढ़ाता है क्योंकि एक ज़रा सी अफ़वाह कोई विकराल रूप ले सकती है और एक सही इंफॉर्मेशन जाने कितनों का जीवन सफल बना सकती है तो चुनौतियों की अगर बात की जाए तो सबसे पहले तो यही है कि हर आने वाले पोस्ट हर आने वाली ख़बर का सत्यापन बहुत ही आवश्यक है जो कोई करना नहीं चाहता।

सोशल मीडिया को जिस कारण से बनाया होगा जिस सोच के साथ तमाम ऑन लाइन प्लेटफॉर्म लाए गए क्या आपको लगता है कि वो सोच पूरी हो रही है?

सोशल मीडिया बनाने के पीछे सोच तो यही रही होगी कि लोग एक दूसरे से कनेक्ट हो सकें, उदाहरण के तौर पर सोशल मीडिया आने के पहले जो भी हमारे साथ स्कूल में पढ़ते थे, बचपन के दोस्त थे, उनमें से हम लगभग सभी के साथ वापस कनेक्ट हो गये जो सोशल मीडिया के पहले नहीं थे तो उस लेवल पर वो सोच पूरी हो रही है, हाँ और जो ज़िम्मेदारियों चुनौतियों का ज़िक्र किया है उनका ध्यान रखना बहुत आवश्यक है।

लोगों की निजता आज खतरे में हैं और बिना सोशल मीडिया के गुजारा भी बहुत मुश्किल है ऐसे में निजता की सुरक्षा कैसे की जाए?

निजता की सुरक्षा के लिए सोशल मीडिया पर सिर्फ़ वही इन्फ़ॉर्मेशन रखें जो आपको किसी भी तरह से नुक़सान न पहुँचा सके या जिसका उपयोग करके आपकी पर्सनल जानकारी लोगों तक न पहुँच सके।

फेसबुक दावा करता है कि आपकी सारी जानकारी गोपनीय रखी जाएगी। फिर भी जब हम फेसबुक लॉगइन करते हैं तो उसमें वो सब विज्ञापन कैसे शो करता है जो हम सर्फिंग करते हैं?

फ़ेसबुक मैं जब अपना अकाउंट बनाते हैं या उसके बाद भी सेटिंग्स में जाकर बहुत सारे पैरामीटर को आप चेंज कर सकते हैं जैसे उसमें से एक है लोकेशन सर्विसेस, प्राइवेसी में जाके लोकेशन सर्विसेस को बंद कर सकते हैं जिससे आप ट्रैक न हो सकें कि आप कहाँ पर है साथ ही साथ जब आप बैकग्राउंड में फ़ेसबुक चालू रखते हैं और कोई भी शॉपिंग करने के लिए किसी भी शौपिंग ऐप पर कोई चीज़ देखते हैं तो उसके विज्ञापन आपको फ़ेसबुक में दिखने लगते हैं।

आज देश के बड़े-बड़े दिग्गज लोगों के और संस्थानों के ट्विटर और वेबसाइट हैक हो जाती हैं तो आम आदमी की सुरक्षा कैसे होगी?

कुछ शरारती तत्वों या नोटोरियस हैकर्स से अपने आप को बचाने का सबसे सिंपल तरीक़ा यह है कि कोई भी वेबसाइट पर क्लिक करके पहले, किसी भी लिंक पर क्लिक करने के पहले दो बार सोचें, जांचें परखें, उसके बाद ही क्लिक करें । बहुत सारे लुभावने विज्ञापन आते हैं, सोचिये कोई भी व्यक्ति आपको फ़्री में पैसा क्यों देने के लिए बैठेगा ज़रा से काम के लिए जिसकी क़ीमत 5 रुपये हो उसके लिये आपको 5 हज़ार क्यों देगा, ज़रूर इसमें कोई कैच है, उससे बचें, टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन ऑन रखें और अपने अकाउंट की सुरक्षा बना के रखे।

आज फेसबुक को लोग ज्यादा पसंद नहीं कर रहे। लोग दूसरे सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिता रहे हैं। एक वक्त पर दुनिया में सबसे ज्यादा फेसबुक ही लोगों की पसंद बना था। इसका कोई बड़ा कारण?

अभी तक फ़ेसबुक एक ऐसा माध्यम था जहां पर लोग कुछ भी पोस्ट कर रहे थे, किसी भी तरह का कंटेंट बना रहे थे। धीरे धीरे सरकार की पॉलिसी से कंटेंट मॉनिटरिंग आ रही है और इन सबके चलते फ़ेसबुक ने भी ध्यान दिया है और फ़ेसबुक ने अपनी पॉलिसी में काफ़ी सारे चेंजेस किए तो अब मुझे नहीं लगता कि लोग फ़ेसबुक से दूर हटेंगे, हालाँकि और बहुत सारे ऐप में मॉनिटरिंग काफ़ी बड़े लेवल की है, दूसरी बात यह कि फ़ेसबुक यूज़र बेस भी दुनिया में सबसे ज़्यादा बड़ा है तो जब इतना बड़ा यूज़र बेस होगा तो ऑफ़ कोर्स जितनी अच्छाइयां आपके पास होंगी उतनी ही कमियां भी आप से जुड़ी होगी।

आसानी से आजकल लोगों की फेसबुक आईडी हैक हो रही हैं। लोग दूसरे की आईडी बनाकर पैसे की डिमांड कर रहे हैं। आईडी हैक होना इतना आसान कैसे है?

किसी की ID हैक होने का सबसे बड़ा कारण है हमारा केयरलैस एटीट्यूड, मैक्सिमम केसेस में हम वेरिफाई नहीं करना चाहते हैं या थोड़ी ढील बरत देते हैं, हैकर्स सबसे पहले आपके मित्रों के अकाउंट्स को टारगेट करते हैं, कोई छोटे अकाउंट को टारगेट करते हैं, फिर उसके ज़रिये उनसे जुड़े बाक़ी लोगों के अकाउंट टारगेट करते हैं तो मेरे पास जब कोई मैसेज आएगा तो मुझे लगेगा ये मेरे मित्र ने मुझे भेजा है तो किसी भी लिंक पर क्लिक करने के पहले ये मेरी ज़िम्मेदारी बनती है कि मैं अपने उस मित्र से बात करूं क्योंकि ऐसे बोहोत सारी केसेस हुए हैं जहां पर लोगों ने मित्र को सही समय पर फ़ोन किया और अपनी ID को हैक होने से बचाया है।

आप बड़े-बड़े सेलिब्रिटी के सोशल मीडिया अकाउंट संभालते हैं। बहुत बड़ी जिम्मेदारी है ये। आप इनकी सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाते हैं?

कोई ख़ास स्पेशल काम नहीं है बस बेसिक चीज़ों का ध्यान रखते हैं जैसे कि उनके अकाउंट्स या पेज को किसी भी अननोन डिवाइस, किसी भी फ्रेंड की डिवाइस, किसी भी रिश्तेदार की डिवाइस पर ओपन न करें क्योंकि जाने अनजाने में हम तो अपनी पूरी सुरक्षा लेंगे अपने डिवाइस पर लेकिन जो हमारे मित्र हैं वो अपनी डिवाइस में कितनी सुरक्षा लेते हैं इसकी मॉनिटरिंग हम नहीं कर सकते। तो ये बेसिक नियम है और हमारी आपस में अंडरस्टैंडिंग है की मेरे या मेरी टीम के, और सेलिब्रिटी के अलावा किसी भी और के पास उस पेज का यह अकाउंट का एक्सेस नहीं होना चाहिए क्योंकि मैं और वो सेलिब्रिटी स्वयं जिस तरह से अपने पेज की देख रेख कर सकते हैं, ज़िम्मेदारी से एक्सेस कर सकते हैं पेज को किसी और डिवाइस पर या किसी और के एक्सेस होने पर हैकिंग का ख़तरा बढ़ सकता है।

आप जो अकाउंट हैंडल कर रहे हैं मान लीजिए किसी हैकर ने हैक कर दिया तो आप सबसे पहले क्या स्टेप उठाएंगे?

सबसे पहला काम है लो प्रोफ़ाइल मेंटेन करना, जब भी कुछ ऐसी हरकत हो जाए या अकाउंट हैक होने जैसी स्थिति का आभास हो तो बाक़ी अकाउंट पर जाके अनाउंस करने की बिलकुल भी आवश्यकता नहीं है क्योंकि वहाँ पर कोई भी सही सलाह नहीं दे पाएगा और हैकर्स ज़्यादा सचेत हो जायेंगे, जो डैमेज कर चुके हैं, और ज़्यादा ही कर देंगे। सही चैनल पर काम करना ज़रूरी है, अकाउंट से रिलेटेड टीम से ही बात करनी है लो प्रोफ़ाइल मेंटेन रखते हुए।

क्या आपको लगता है कि भारत में साइबर क्राइम के लिए जो कानून है उसमें कई खामियां है। आईटी एक्ट को और भी ज्यादा सख्त बनाने की जरूरत है?

जी बिल्कुल, इसमें कोई भी दो राय नहीं है कि आईटी एक्ट को और मजबूत बनाने की, हैकर्स को कड़ी सजा़ के प्रावधान की, खासकर सेंसर की आवश्यकता है।

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