क्या चीन कोरोना वैक्सीन का परिक्षण पकिस्तानी लोगों पर कर रहा है?

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क्या चीन कोरोना वैक्सीन का परिक्षण पकिस्तानी लोगों पर कर रहा है?

चीन कोविड-19 वैक्‍सीन के लिए पाकिस्‍तान को बलि का बकरा बनाने जा रहा है। दरअसल कभी कोरोना वायरस महामारी का गढ़ रहे चीन ने इससे निपटने के लिए एक वैक्‍सीन बनाई है जिसका अगले तीन महीने में पाकिस्‍तान में ट्रायल किया जाएगा। इसके लिए दोनों देशों के बीच एक करार भी हुआ है। चीन इसके जरिए यह जानने की कोशिश करेगा कि यह वैक्‍सीन कितना कारगर है और इसका कोई दुष्‍प्रभाव तो नहीं है? पाकिस्‍तानी न्‍यूज चैनल 92 न्‍यूज से बातचीत में पाकिस्‍तान के नैशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ हेल्‍थ के मेजर जनरल डॉक्‍टर आमिर इकराम ने कहा कि चीन ने वैक्‍सीन के ट्रायल के लिए काम शुरू कर दिया है।

उन्‍होंने कहा, “ऐसी आशा है कि पाकिस्‍तान में अगले तीन महीने में कोरोना वायरस की वैक्‍सीन लॉन्‍च कर दी जाएगी”, इकराम ने कहा कि कई कंपनियां वैक्‍सीन बनाने का प्रयास कर रही हैं लेकिन चीन ने इसकी खोज कर ली है। असल में चीन अपने अपने वैक्‍सीन का पाकिस्‍तान में कोरोना वायरस के मरीजों पर क्लिनिकल ट्रायल करने जा रहा है। किसी भी वैक्‍सीन के इंसानों पर ट्रायल के बहुत खतरे होते हैं। मरीज की जान भी जा सकती है। बीमारी और ज्‍यादा फैल सकती है।

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इन सब खतरों के बावजूद पाकिस्‍तान की इमरान खान सरकार अपने आका चीन को खुश करने के लिए नागरिकों की जान दांव पर लगाने को तैयार हो गया है। इससे पहले चीन ने ऐलान किया था कि वह अब अपनी वैक्‍सीन का दुनिया के अन्‍य देशों में परीक्षण करेगा। इससे पहले एक चीनी रीसर्चर ने कहा था कि चीन एक वैक्‍सीन बना रहा है और उसकी योजना कोरोना से प्रभावित अन्‍य देशों में इसके क्लिनिकल ट्रायल की है।कोरोना वायरस के जन्‍मस्‍थान वुहान में 16 मार्च से चीन के इस टीके का परीक्षण चल रहा है। रीसर्चर ने दावा किया कि वुहान में टीके का सही परीक्षण चल रहा है। इस टीके का चीन में स्थित विदेशियों पर भी परीक्षण किया जाएगा।

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वहीं खबर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के आलोचकों के सामने आई उन्होंने साफ़ कह दिया है कि चीन से दोस्ती निभाकर इमरान अपने लोगों की जान जोखिम में डाल रहे हैं. आलोचकों का मानना है कि पाकिस्तान को चीन और इमरान खान की दोस्ती की एक लंबी कीमत चुकानी होगी. सवाल होगा क्यों? तो जवाब बस इतना है कि वैक्‍सीन के इंसानों पर ट्रायल के बहुत खतरे होते हैं. पूर्व में मामले ऐसे भी सामने आए हैं जिनमें मरीजों की जान गयी है. वैज्ञानिकों का एक वर्ग वो भी है जिसका मानना है कि यदि चीन का ये प्रयोग फेल होता है तो इसके परिणाम भयावह होंगे. बीमारी और ज्‍यादा फैल सकती है जिससे न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि आस पास के मुल्क भी प्रभावित होंगे.

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