सवाल 3- क्या ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ देश हित में है? यदि हां तो कैसे ?

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सवाल 3 – क्या ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ देश हित में है? यदि हां तो कैसे?

मैं एक बात स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूँ की कोई भी पार्टी गलत या बुरी नहीं होती है यह लोकतंत्र का आधारभूत स्तम्भ है। सभी पार्टियों में कुछ न कुछ खामियां होती है, और इसका मतलब यह बिलकुल भी नहीं है की उस पार्टी का अस्तित्व मिट जाए, और अगर ऐसा हुआ तो उस पार्टी को होने वाले नुकसान से ज्यादा नुकसान देश को होगा। लोकतंत्र की स्थापना में कांग्रेस ने अहम भूमिका निभायी है। कुछ चीजें जरूर है जो कांग्रेस के अस्तित्व के लिए खतरा बनी हुई है और वह है परिवारवाद। बहुत सारे काबिल और प्रतिभाशाली राजनेताओं को कांग्रेस ने राजगद्दी से दूर रखा है तथा अपने परिवारवाद को जिंदा रखा हुआ है, कांग्रेस पार्टी की परिवारवाद की सोच से देश को नुकसान हुआ है। आज बीजेपी की लहर से देश में ऐसा माहौल बिलकुल भी नहीं बनना चाहिए जिससे किसी भी पार्टी का अस्तित्व ही मिट जाए। इससे एक पार्टी का अस्तित्व नहीं मिटेगा बल्कि एक लोकतांत्रिक आधारस्तंभ ही मिट जाएगा। जिससे देश को पुनः एकदलीय दौर से गुजरना पड़ेगा जो देश के विकास के लिए लाभदायक नहीं होगा।

Congress Mukt Bharat 1 news4social -

तो क्या कांग्रेस मुक्त भारत देश हित में बिलकुल भी नहीं है |

लोकतंत्र में विपक्ष का मजबूत होना अति आवश्यक होता है। इसलिए कांग्रेस मुक्त भारत देश हित में नहीं हो सकता है, परन्तु कांग्रेस तब तक मजबूत नहीं हो सकती है जब तक इसमें परिवारवाद जिंदा रहेगा। हमको परिवारवाद मुक्त कांग्रेस चाहिए जो की देश हित में हो।

वर्तमान में यह देख कर अफ़सोस होता है की लगभग 133 साल पुरानी कांग्रेस पार्टी सिर्फ एक परिवार की गुलाम बन कर रह गयी है और सब कुछ जान कर भी किसी एक भी कांग्रेसी नेता में सच बोलने का साहस नहीं है. ऐसी राजनीतिक पार्टी के नेताओं से देश हित के बड़े फैसले लेने की अपेक्षा नहीं की जा सकती है.

सच तो यह है कि कांग्रेस पार्टी के लोगों को देश की जनता का विश्वास (ट्रस्ट) फिर से जीतना होगा.

ऐसा सिर्फ दो तरह से हो सकता है : या तो कांग्रेस बहुत ही अच्छी हो जाये या उसकी विरोधी पार्टी जनता की नजरों में इतनी नीचे गिर जायें की उनकी तुलना में कांग्रेस की बुराईयाँ लोगों की नज़रों से ही ओझल हो जाए।

इतिहास में इसका सबसे बड़ा उदाहरण है 1977 और 1980 का जब आपातकाल के बाद 1977 के चुनाव में लोगों ने इन्दिरा जी को बुरी तरह से हरा दिया था लेकिन जब जनता सरकार बुरी तरह विफल रही तो लोगों ने 1980 में इन्दिरा जी की कांग्रेस को सत्ता में फिर से वापस बुला लिया था.

साथ ही, कांग्रेस पर जब-जब भ्रष्टाचार के आरोप लगे है, तब-तब जनता नें उसे सत्ता से बेदखल भी किया है और इसका ताजा उदाहरण 2014 के लोकसभा चुनाव में देखा गया था।

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Credit – दिनेश ,सिद्धार्थ