क्या फ्लैट फुट नामक बीमारी घातक है?

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फ्लैट फुट की बीमारी के बारे में अधिकतर लोग अवगत नहीं होंगे। और न नहीं कभी किसी ने इस बीमारी पर ध्यान दिया है। इस बीमारी के कारण बहुत से युवाओं को मन चाहि नौकरी पाने से वंचित रह जाते है। नतीजा है कि युवाओं को कई नौकरियों से हाथ धोना पड़ रहा है। सेना और पैरा मिलिट्री फोर्स के साथ कई नौकरियां हैं जिनसे फ्लैट फुट बीमारी से ग्रसित लोगों की एंट्री वर्जित है। फ्लैट फुट से तात्पर्य है जब पैरों के तलुओं में घुमाव (आर्क) होने के बजाए पूरी तरह समतल यानि की फ्लैट होता है।

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ऐसा होने से पैरों में भार वहन करने की क्षमता कम हो जाती है। फ्लैट फुट से पीड़ित लोग तेज भागने में सक्षम नहीं होते है। यह एक ऐसी स्थिती है जिसमें ज्यादातर दर्द नहीं होता। फ्लैट फुट तब होते हैं जब बचपन में आपके पैरों के आर्च भलीभाँति विकसित नहीं होते।

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अगर इसके लक्षण की बात करें तो तेज चलने और दौड़ने में दिक्कत, तलुवों में तेज जलन महसूस करना , चढ़ने में परेशानी होने भी इसके प्रमुख लक्षण में से एक है। फ्लैट फुट होने के कारण आपके पैरों का संरेखण (आकार और अनुपात) भी बिगड़ सकता है जिससे आपको टांगो और घुटनों की समस्याएं भी हो सकती हैं।

हालांकि अगर फ्लैट फुट से ग्रसित कई मामलों में देखा गया है की इसमें दर्द महसूस नहीं होता है। लेकिन अगर आप दर्द से पीड़ित है तो डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें।व्यायाम इस बीमारी से निजजत पाने में कारगार सिद्ध है। उसके साथ जूतों में आर्क सपोर्ट देकर, बर्फ से सिकाई करके यह परेशानी दूर किया जा सकता है।साथ ही लेजर थेरेपी से भी इलाज के लिए काफी बेहतर ऑप्शन है।