क्या भारत में चीनी वस्तुओं का बहिष्कार संभव है?

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भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा संघर्ष के बाद भारत ने चीन की तरफ कड़ा रुख अपनाते हुए चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के समर्थन किया है और भारतीय वासी द्वारा चीनी वस्तुओं के बहिष्कार की मांग जोरो पर है लेकिन इसी बीच चीन की तरफ से यह प्रतिक्रिया आई है कि अगर भारत चीनी वस्तुओं के बहिष्कार करता है तो भारत की र्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। आपको बताना चाहेंगे की अगर भारत चीनी वस्तुओं के बहिष्कार करता है तो भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

आपको बता दे की भारत और चीन के बीच व्यपार दुतरफा है लेकिन चीन और भारत के निर्यात में छह गुना का बड़ा अंतर है। भारत में बड़े स्तर पर चीनी वस्तुओं का उपयोग होता है। सरल भाषा में बताये तो भारत चीन का बाजार बन गया है, हम अपने रोजमर्रा के जीवन में चीनी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते है। चीन को ये मालूम है कि त्यौहारी कारोबार में बहिष्कार से ज्यादा कुछ फर्क नहीं पड़ने वाला क्योंकि एक चीज का बहिष्कार कर दें लेकिन आपको मजबूरन अगली कोई भी चीज के लिए चीन पर निर्भर होना पड़ेगा।

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आप जानकर चौंक जायेगे की देश की राजधानी दिल्ली में 150 करोड़ के चाइनीज माल के ऑर्डर कैंसिल कर दिये गए है लेकिन इससे क्या वाकई फर्क पड़ेगा, अगर आपको चीन को देखना है तो चीन जाने की जरूरत नहीं, किसी भी भारतीय बाजार चाइनीज आइटम का गढ़ बन चूका है। छोटे बच्चों के खिलौनों से लेकर महंगे गैजेट्स तक, सब कुछ मेड इन चायना आपको मिल जाएगा वो भी सस्ते दर में। देश का आम बाजार चायना प्रोडक्ट का मोहताज हो गया। बाकी देश बडे सौदों में लगे रहे और इधर चीन ने अपने उत्पादकों को इस रूप में तैयार कर लिया कि वो भारत संस्कृति और आम भारतीयों की जरूरत को समझ कर उत्पाद बनाने में लग गए। आज हालात ये हैं कि भारतीय बाजार में चाइनीज आइटम इतना आकर्षक और सस्ता मिल रहा है कि भारतीय उत्पाद की और कोई प्रोडक्ट से उम्मीद नहीं होती। भारत इलेक्ट्रानिक के 32.02, न्यूक्लियर रिएक्टर, बायलर्स और पार्ट्स के 17.01 प्रतिशत, आर्गनिक केमिकल्स 9.83 प्रतिशत फटिलाइजर्स 5.3 प्रतिशत आयात करता है।

भारत चाहकर भी चीनी उत्पादों को पूरी तरह नहीं रोक सकता है क्योंकि विश्व व्यापार संगठन द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार किसी भी देश से आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना संभव नहीं है भले ही उस देश के साथ कोई राजनयिक, क्षेत्रीय और व्यापार संबंध न हों।

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भारत सरकार स्वास्थ्य और सुरक्षा के मुद्दों के आधार पर कुछ चीनी उत्पादों पर प्रतिबंध लगा सकती है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने लोकसभा में जवाब दिया कि भारत सरकार ने उन चीनी मोबाइलों पर प्रतिबंध लगा दिया है जिनके पास IMEI नंबर नहीं है। चीन ने गंभीर स्वास्थ्य मुद्दों के आधार पर भारतीय डेरी उत्पादों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।

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भारतीय बाजार एक मूल्य-संवेदनशील बाजार है। यहां एक कंपनी को बाजार में प्रवेश करने के लिए कीमत कम रखनी पड़ती है। भारतीय उपभोक्ता उत्पादों की कीमत के बारे में अधिक चिंतित हैं न कि उत्पादों की गुणवत्ता के बारे में चीनी उत्पादों पर भारत में बहिष्कार किया जाता है तो यह भारत में महंगाई दर बढ़ जायेगी और भारतीय प्रोडक्ट्स मेहेंगे हो जायेगे क्योंकि चीनी उत्पादों की तुलना में भारतीय उत्पाद महंगे हैं। भारत में कम -आय वर्ग के लोगों को बहुत नुकसान होगा क्योंकि वे महंगे भारतीय उत्पाद नहीं खरीद पाएंगे।