क्या प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना वायरस का सफल इलाज संभव है?

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क्या प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना वायरस का सफल इलाज संभव है?

क्या प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना वायरस का सफल इलाज संभव है

कोरोना वायरस से अब तक 83 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 15 लाख से अधिक संक्रमित पाए गए हैं। भारत में भी इस वायरस ने बड़ी तेज़ी से पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। वहीं, देश भर में इस वायरस से निपटने के लिए युद्धस्तर पर इलाज किया जा रहा है। इममें सभी तरह की चिकित्सा पद्धतियों को अपनाया जा रहा है। इसी कड़ी में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने केरल को प्लाज्मा थेरेपी के जरिए इलाज करने की अनुमति दे दी है। आइए जानते हैं कि प्लाज्मा थेरेपी क्या है और यह काम कैसे करता है।

प्लाज्मा थेरेपी

इस थेरेपी का पहली बार प्रथम विश्व युद्ध के बाद 1918 में फैले स्पेनिश फ्लू के समय इस्तेमाल किया गया था। इसके बाद लगातार संक्रमित बीमारियों को दूर करने में प्लाज्मा थेरेपी का यूज़ किया जाता रहा है। इस थेरेपी में जो व्यक्ति कोरोना वायरस को मात देने में कामयाब हो जाता है। उस व्यक्ति के रक्त को संक्रमित व्यक्ति में डालकर उसे ठीक किया जाता है। इस थेरेपी से 3 से 7 दिन में मरीज ठीक हो जाता है।

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plasma therapy for coronavirus

इससे इम्युनिटी सेल्स से प्रोटीन उत्सर्जित होता है, जो प्लाज्मा में पाए जाते हैं, जो आवश्यक होने पर रक्त को थक्का बनाने में मदद करते हैं। किसको इससे मदद मिलेगी विशेषज्ञों का कहना है कि प्लाज्मा थेरेपी (जिसे एंटीबाडी थेरेपी भी कहते हैं) से एक साथ कई मरीजों का इलाज किया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि इस थेरेपी से उन लोगों का तत्काल इलाज किया जाएगा, जिन्हें सबसे अधिक खतरा है।

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साभार – Jagran