जाने क्या है सुंदरकांड के पाठ का महत्त्व ?

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जाने क्या है सुंदरकांड के पाठ का महत्त्व

हिंदू धर्म के अनुसार सुंदरकांड के पाठ का विशेष महत्व है। सुंदरकांठ पाठ में भगवान हनुमान के बारे में विस्तार चर्चा की गयी है और उनकी गाथा का वर्णन है। तुलसीदास द्वारा रचित सुंदरकांड सबसे ज्यादा लोकप्रिय और पावन पाठ माना गया है।

सुंदरकांड

मान्यताओं के अनुसार जो भी व्यक्ति नियमित अंतराल में घर पर सुंदरकांड का पाठ करता है उसे प्रभु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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भगवान हनुमान सुंदरकांड के पाठ से जल्द प्रसन्न हो जाते है। यह बल, बुद्धि और कृपा प्रदान करने वाले माने जाते हैं। सुंदरकांड का पाठ करने से व्यक्ति को जीवन में कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिलते हैं। जो भी जातक प्रतिदिन सुंदरकांड का पाठ करता है उसकी एकाग्रता और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

सुंदरकांड का पाठ करने से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ऐसे में उसके द्वारा किए जाने वाले किसी भी काम का परिणाम हमेशा सकारात्मक ही मिलता है इसलिए हर घर में सुंदरकांड का पाठ अवश्य करने को बताया गया है। सुंदरकांड का नियमित पाठ करने से व्यक्ति के अंदर से नकारात्मक शक्तियां दूर चली जाती है।

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संपूर्ण रामचरितमानस भगवान राम के गुणों और उनकी पुरुषार्थ से भरा है. सुंदरकाण्ड एकमात्र ऐसा अध्याय है जो भक्त की विजय का काण्ड है, वानर हनुमान समुद्र को लांघकर सीता जी की खोज में लंका पहुंच गए, वहां उनको श्रीराम का संदेश देने के साथ ही लंका को जलाया और सीता का संदेश लेकर लौट आए।

यह कांड एक भक्त की जीत का कांड है, जो अपनी इच्छाशक्ति के बल पर इतना बड़ा चमत्कार कर सकता है।

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सुंदरकांड में जीवन की सफलता के महत्वपूर्ण सूत्र भी दिए गए हैं। पूरी रामायण में सुंदरकांड को सबसे श्रेष्ठ कांड माना जाता है क्योंकि यह व्यक्ति में आत्मविश्वास बढ़ाता है।

इसी वजह से सुंदरकांड का पाठ विशेष रूप से किया जाता है। अगर घर में शाम को सुंदरकांड का पाठ करे तो अत्यंत शांति प्रदान होती है।