क्या शूर्पणखा राम-रावण युद्ध कि वजह बनी ?

1020
image source :google
image source :google

क्या शूर्पणखा राम-रावण युद्ध कि वजह बनी

हिन्दू धर्म में रामायण महाकाव्य एक पवित्र ग्रन्थ में से माना जाता है।जिसकी रचना महर्षि वाल्मीकि ने की थी। हिंदू धर्म में रामायण का एक महत्वपूर्ण स्थान है जिसमें हम सबको रिश्तो के कर्तव्यों को समझाया गया है। इस महाकाव्य में भगवान विष्णु के रामावतार को दर्शाया गया है उनकी चर्चा की गई है।

शूर्पणखा

रामायण का हर एक पात्र काफी ही अनूठा और अद्भुत है , रामायण का सबसे महत्वपूर्ण भाग राम -रावण युद्ध का सबसे बड़ा कारण शूर्पणखा को माना जाता है। वह रावण की बहन थी। सूपे जैसी नाखूनों की स्वामिनी होने के कारण उसका नाम शूर्पणखा पड़ा। क्योंकि उसका नाक सूपड़ा( सूपड़ा गेहूं फटकने का एक बर्तन होता ) के समान हो गया था। इसका तमिल में नाम ‘सूर्पनगै’ है, इण्डोनेशियाई भाषा में ‘सर्पकनक’ है, ख्मेर भाषा में ‘शूर्पनखर’ है, मलय भाषा में ‘सुरपन्दकी’ है और थाई भाषा में ‘सम्मानखा’के तोर जाना जाता है।

Shurpanakha -

राम-रावण युद्ध

वाल्मीकि रामायण के मुताबिक जब राम और लक्ष्मण ने उससे विवाह करने की उसकी याचना को अस्वीकार कर दिया तब वह क्रोधित होकर सीता पर आक्रमण करने के लिये झपटी। इस पर लक्ष्मण ने उसके नाक-कान काट दिये। अपमानित होकर रोते हुए वो अपने भाई रावण के पास गयी और रावण ने इस अपमान का बदला लेने की प्रतिज्ञा की। रावण, सीता का अपहरण कर उसे अपनी विशाल लंका में लगाया।

राम -रावण के भीषण युद्ध का कारण शूर्पणखा थी। यह भी माना जाता है कि रावण के भीषण संहार का पीछे वजह शूर्पणखा की साज़िश थी।

उसने कालकेय दानव कबीले के राजकुमार विद्युतजिह्वा से चुपचाप शादी कर ली. यह कबीला रावण का विरोधी था. रावण को जब यह पता चला तो उसने अपने बहनोई और शत्रु विद्युतजिह्वा को मारने पर उतारू हो गया. लेकिन अपनी पत्नी मन्दोदरी के समझाने पर उसे ना मारने की शर्त को मान गया. शूर्पणखा का पति विद्युतजिह्वा ने रावण को मारने के लिए ही उसकी बहन शूर्पणखा से शादी की थी।

soorpanakhas story -

रसातल को जीतने के दौरान रावण अपनी बहन से मिलने गया. उस समय उसकी बहन वहां नहीं थी. उसी समय उसे विद्युतजिह्वा के उसकी बहन से शादी करने का उद्देश्य पता चल गया. विद्युतजिह्वा ने रावण पर आक्रमण कर दिया और इस युद्ध में उसका पति रावण के हाथों मारा गया।

यह भी पढ़ें : क्या सच में राजीव गांधी की सलाह की वजह से रामानंद सागर की रामायण बनी

अपने पति के मृत्यु के बाद शूर्पणखा लंका छोड़कर दंडकारण्य में अपने मौसेरे भाई खर के साथ रहने लगी. राम जब दंडकारण्य में अपने वनवास के दौरान आये तो इसने उनसे शादी का प्रस्ताव रखा. वहीं पर लक्ष्मण ने उसका नाक -कान काट दिया। शूर्पणखा चाहती तो इस भीषण युद्ध को रोक सकती थी।