आरोप में है सच्चाई या लालू परिवार ने मोदी विरोध की कीमत है चुकाई

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बेनामी संपत्ति मामले में आयकर विभाग ने बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से पूछताछ की है। लालू यादव के परिवार के खिलाफ बीजेपी नेता सुशील मोदी के खुलासे के बाद मामला दर्ज कराया गया था। इस पूरे मामले के बाद ही बिहार में नीतीश कुमार ने आरजेडी से नाता तोड़ बीजेपी के साथ सरकार बनाई थी। नीतीश कुमार लगातार भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी की सफाई मांग रहे थे लेकिन जब उन्होंने किसी तरह की सफाई नहीं दी तब नीतीश कुमार ने आरजेडी और कांग्रेस से गठबंधन तोड़कर सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था।

इसी मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की बेटी मीसा भारती उनके पति शैलेश कुमार से भी पूछताछ की जा चुकी है। लेकिन कुछ दिन पहले तेजस्वी ने ये सवाल किया था कि जब संपत्ति मेरे नाम पर हुई थी तो उस वक्त मैं नाबालिग था। अगर इस मामले में कुछ गलत हुई भी है तो केस सीधी तौर पे लालू यादव के ऊपर बनता है ना कि तेजस्वी के ऊपर। टाइमिंग को लेकर भी सवाल उठना जायज है, साथ में ये भी की आरोप लगना, इस तरह के राजनीतिक हालात का उत्पन्न होना और फिर महागठबंधन का टूटना कोई इत्तेफाक नहीं हो सकता। ये सभी काम योजनाबद्ध तरीके से हुई है।

मीसा भारती और लालू जी के दामाद भले ही पूरी तरह से कटघरे में खड़े नजर आते हैं। लेकिन उससे भी तेजस्वी यादव का कोई संबंध नहीं है। खैर आगे तो यही देखना है कि इस सीबीआई जांच और आयकर के छापे से क्या निकलकर आता है, पर इन कार्रवाईयों पर लोग सवाल तो उठाएंगे ही। खासकर इसलिए की तेजस्वी पर आरोप इतने मजबूत नहीं थे जिसको लेकर गठबंधन तोड़ दिया गया।