जानिये क्या है राष्ट्रपति भवन का इतिहास, विशेषतायें और महत्त्व?

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जिस तरह से अमेरिका में राष्ट्रपति का निवास स्थान White House दुनिया में मशहूर है ठीक उसी तरह से भारत के राष्ट्रपति के रहने के लिए ‘राष्ट्रपति भवन’ भी बनाया है जो अपनी राजनितिक, ऐतिहासिक और गौरवमयी घटनाओं को समेटे हुए है। आइये आज जानते है राष्ट्रपति भवन के निर्माण के बारे में।

आपको बता दें कि राष्ट्रपति भवन भारत के राष्ट्रपति का सरकारी निवास स्थान है। सन 1950 तक इसे वायसराय हाउस ही कहते थे। लेकिन आजादी मिलने के बाद और संविधान लागू होने के बाद इसे ‘राष्ट्रपति भवन’ कहके बुलाया जाने लगा। राष्ट्रपति भवन में 340 कमरे है।

Presidential Residence -

राष्ट्रपति भवन के निर्माण की शुरुआत

1911 में जब अंग्रेजों ने कोलकाता की जगह दिल्ली को राजधानी बनाने का फरमान सुनाया तो वो एक ऐसी इमारत बनाने का फैसला किया, जो आने वाले कई सालों तक एक मिसाल बने। रायसीना हिल्स पर वायसराय के लिए एक शानदार इमारत बनाने की नींव रखी गयी। इस इमारत का नक्शा एडविन लुटियंस ने बनाया।

17 साल में बना राष्ट्रपति भवन

राष्ट्रपति भवन को बनाने के लिए 1911 से 1916 के बीच रायसीना और मालचा गांवों के 300 लोगों की करीब 4 हजार हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया। राष्ट्रपति भवन को बनने में 17 साल लग गए।हालांकि इस भवन को निर्मित करने की समय-सीमा चार साल थी पर इसे बनाने में 17 लग गए और इसके निर्मित होने के अट्ठारहवें वर्ष भारत आजाद हो गया।

निर्माण खर्च

तत्कालीन समय में इसके निर्माण में 1 करोड़ 40 लाख रुपये का खर्च आया था। 1912 में शुरू हुआ निर्माण का काम 1929 में खत्म हुआ।इमारत बनाने में करीब 70 करोड़ ईंटों और 30 लाख पत्थरों का इस्तेमाल किया गया। इसके निर्माण कार्य में करीब 29000 मजदूर लगाए गए थे।

Importance of Presidential Residence -

राष्ट्रपति भवन के बारे में आश्चर्यजनक तथ्य

राष्ट्रपति भवन इटली के रोम स्थित क्यूरनल पैलेस के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा निवास स्थान है। इसमें राष्ट्रपति कार्यालय, अतिथि कक्षों समेत 300 से भी अधिक कमरे हैं। इसमें 750 कर्मचारी काम करते हैं, जिनमें से 245 राष्ट्रपति के सचिवालय में कार्यरत हैं। इसे रायसीना हिल पर बनाया गया है, जिसे (रायसिनी और माल्चा) दो गाँवों के नाम पर दिया गया था और इस महल के निर्माण के लिए इन गाँवों को हटा दिया गया था।

राष्ट्रपति भवन के बैंक्वेट हॉल में एक साथ 104 अतिथि बैठ सकते हैं। राष्ट्रपति भवन के अशोका हॉल में मंत्रियों के शपथग्रहण आदि जैसे समारोह होते हैं।
अब तक 13 राष्ट्रपति की मेजबानी कर चुका है राष्ट्रपति भवन पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद से लेकर प्रणब मुखर्जी तक 13 राष्ट्रपति यहां रह चुके हैं। अब यहाँ वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रह रहें हैं।

दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के लिए निकटतम मेट्रो स्टेशन दिल्ली मेट्रो की येलो लाइन पर केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन है। मेट्रो स्टेशन से राष्ट्रपति भवन की ओर आसानी से चलकर जाया जा सकता है।