नेताओं के बीच आज कल हर बात पर वाद -विवाद होता रहन एक आम बात है |लेकिन ,आज कल एक नए ट्रेंड की शुरुवात हो गयी है ,नेताओं का एक दूसरे की चुटकी लेना |जी हाँ ,और कांग्रेस और भाजपा के नेताओं के बीच इस तरह की चुटकियों का आदान -प्रदान कोई नयी बात नहीं है |सोशल मीडिया के इस ज़माने ने इस खेल को और भी आसान बना दिया है|
ऐसा क्या कर दिया मनीष तिवारी ने ?
दरअसल हुआ कुछ यूँ कि ,कांग्रेसी नेता मनीष तिवारी ने NDA के मंत्रियों की एक -दूसरे के मंत्रालयों के लिए संवाददाता सम्मलेन करने पर चुटकी लेते हुए ट्वीट किया कि ,यह वास्तव में मजेदार सरकार है ,जहाँ वित्त मंत्री क़ानूनी मामलों पर फेसबुक पर पोस्ट लिखते है और रक्षा मंत्री वित्त मामलों पर |कोई भी मंत्री अपने मंत्रालय के कामकाज के बारे में बात ही नहीं करना चाहता |यहाँ तो अरुण जेटली जी और निर्मला सीतारमण सामूहिक ज़िम्मेदारी को परिभाषित कर रहे है |आपको बता दें कि मनीष तिवारी ने यह ट्वीट वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा अपने ब्लॉग पेज पर “Justice System”सम्बन्धी पोस्ट किये जाने के बाद किया |
क्या लिखा जेटली ने अपने ब्लॉग पोस्ट में ?
जेटली ने लिखा, ‘‘सरकार के एक मामले को वापस लौटाने को लेकर कांग्रेस पार्टी में मेरे मित्रों ने हाय तौबा मचाना शुरू कर दिया है | यह एक निर्वाचित सरकार की काफी कम की गई भूमिका का हिस्सा है कि उपयुक्त बातें कालेजियम के संज्ञान में लाई जाएं|’ उन्होंने कहा कि यह लोकतांत्रिक जवाबदेही के अनुरूप है, सभी को यह पता होना चाहिए कि यह इतिहास का एक महत्वपूर्ण पाठ है| ‘मैंने यह ब्लाग लिखा है ताकि कांग्रेस पार्टी के मेरे मित्रों को आइना देखने का मौका मिल सके। इतना सब लिखने के साथ जेटली ने अपने पोस्ट में इतिहास के कई उदाहरण भी सांझा किये ,जब हाई कोर्ट के न्यायधीशों की सिफारशों से किनारा किया गया था |अरूण जेटली का यह बयान ऐसे समय में आया है जब सरकार ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की शीर्ष अदालत में पदोन्नत करने के उच्चतम न्यायालय कालेजियम की सिफारिश को वापस लौटा दिया था |
दो राजनैतिक पार्टियों के नेताओं द्वारा एक दूसरे को नीचा दिखाने का यह कोई नयी मामला नहीं है |इन बड़े दलों के बीच ऐसा अक्सर देखा जाता है |जहाँ कभी तो ये हमले मज़ेदार लगते है और हमे गुदगुदाते है और कहीं परेशान भी करते है |