कभी बोफोर्स घोटाले की जांच का हिस्सा थे जेटली

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लोकसभा चुनाव 2019 का प्रचार अभियान गड़े मुर्दे उखाड़ने के लिए भी याद किया जाएगा. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जहां पीएम नरेन्द्र मोदी को राफेल के मामले को लेकर घेरा हुआ है. तो वहीं दुसरी ओर पीएम मोदी उत्तर प्रदेश की एक रैली में दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बहाने राहुल गांधी पर निशाना साधा. पीएम मोदी ने कहा, ‘आपके पिता को उनके दरबारी मिस्टर क्लीन कहते थे, लेकिन उनके जीवन का अंत भ्रष्टाचारी नंबर 1 के रूप में हुआ.’

बता दें कि अरुण जेटली ने राफेल मामले में जांच समित गठित करने की मांग पर 2 जनवरी 2019 को संसद में कहा कि, ‘बोफोर्स की जांच के लिए बी. शंकरानंद की अगुवाई में जेपीसी बनी थी. अब साबित हो गया है कि बोफोर्स में भ्रष्टाचार हुआ है, लेकिन जेपीसी ने बोफोर्स में कांग्रेस को क्लीन चिट दे दी थी. बोफोर्स घोटाले में फंसे लोग जेपीसी की मांग कर रहे हैं, ताकि मोदी सरकार पर अभी तक जो भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे, जेपीसी के जरिए यह फर्जी आरोप सरकार पर लगाए जाएं. इसलिए सरकार जेपीसी की मांग को ठुकराती है.

वहीं वीपी सिंह ने आरोप लगाया था कि स्वीडन की हथियार बनाने वाली कंपनी ने कथित तौर पर भारत सरकार के साथ 1.3 बिलियन डॉलर का करार करने के लिए कथित तौर पर राजीव गांधी को रिश्वत खिलाई थी. फरवरी-मार्च 2004 में मामले की सुनवाई कर रहे कोर्ट ने स्वर्गीय राजीव गांधी और इस केस में अन्य आरोपी तत्कालीन रक्षा सचिव एस. के. भटनागर को बरी कर दिया. भटनागर का 2001 में निधन हो गया था.

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अरुण जेटली ने कुछ दिन पहले एक इंटरव्यू में कहा, ‘‘कांग्रेस का इतिहास है कि डिफेंस डील में कांग्रेस के हाथ गंदे हैं. अरुण जेटली से यह पूछा गया कि आप यह बात बोफोर्स के बारे में कह रहे हैं तो उन्होंने कहा, ‘बोफोर्स है, एचडीडब्ल्यू है, कितनी डील्स हैं,’

बता दें कि  चित्रा सुब्रमण्यम की रिपोर्ट में पांच स्विस बैंक खातों का जिक्र था जिनमें बोफोर्स की रिश्वत जमा की गई थी. टीम ने राजीव गांधी के करीबी दोस्त, बॉलीबुड अभिनेता अमिताभ बच्चन का नाम भी इसमें शामिल कर दिया, जिसकी खबर डेगेंस नाइटर नामक अखबार में छपी. बच्चन द्वारा यूके कोर्ट में दायर किया गया केस जीतने के बाद, अखबार ने अपना माफीनामा छापा. बच्चन का दावा था कि भारत सरकार की तरफ से बोफोर्स लेनदेन के मामले में सीधे-सीधे जुड़े लोगों की सूचना पर विश्वास करना भ्रमित करने वाला है. बोफोर्स मामले पर रिपोर्ट करने वाली चित्रा सुब्रमण्यम अब अरुण जेटली पर कहती हैं कि, ‘वे वही कर रहे थे जो उनसे राजनीतिक रूप से अपेक्षित था.

23 मई को लोकसभा चुनाव 2019  के नतीजे आने वाले है. नेताओं के एक दूसरे पर तंज कसने और गड़े मुर्दे उखाड़ने के बाद ये देखना दिलचस्प होगी की किसकी सरकार बनती है.