जानें झारखंड बिहार से क्यों अलग हुआ

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झारखंड बिहार से क्यों अलग हुआ ?

झारखंड अलग राज्य बनने से पहले बिहार का हिस्सा होता था. आज जानते हैं कि झारखंड राज्य बिहार से अलग कब और कैसे और क्यों हुआ.
हम सबसे पहले झारखंड के बिहार से अलग होने के कारण जानते हैं-
बिहार और झारखंड की भौगोलिक स्थिति-
बिहार का क्षेत्र मैदानी तथा कृषि के लिए उचित है. जबकि झारखंड का क्षेत्र पहाडी है जो खनिज संसाधनों से भरा हुआ है. बिहार और झारखंड की भाषा की भाषा में बहुत ज्यादा अंतर है. जो इन दोनो क्षेत्रों को अलग करता है. आदिवासी जनसंख्या झारखंड में बहुत ज्यादा है, जबकि बिहार में बहुत कम है.
उपरोक्त कारणों ने बिहार और झारखंड के अलग होने में महत्तवपूर्ण भूमिका निभाई.

जानें झारखंड बिहार से क्यों अलग हुआ
जानें झारखंड बिहार से क्यों अलग हुआ
अब देखते हैं कि अलग झारखंड राज्य की शुरूआत कब हुई-

जयपाल सिंह मुंडा की अगुवाई में आदिवासियों ने एक अलग झारखंड राज्य की मांग की. लेकिन 1929 ई. में साइमन कमीशन ने इसे रद्द कर दिया. इसके बाद 1930 से 1940 के बीच आदिवासी महासभा ने अलग राज्य की मांग के लिए आवेदन किया.

झारखंड बिहार
झारखंड बिहार

1949 ई. में आदिवासी महासभा का नाम बदलकर झारखंड पार्टी कर दिया है. इसके बाद झारखंड पार्टी Bihar Assembly में धीरे-धीरे मुख्य विपक्ष के तौर पर उभर कर सामने आई. इसके बाद अलग राज्य की मांग में और तेजी आई.

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अगस्त, 2000 को संसद में बिल पास हुआ. अंत में 15 नवंबर,2000 को झारखंड एक नए राज्य के रूप में अस्तित्व में आया और रांची को इसकी राजधानी बनाया गया.
इस नए राज्य की राजभाषा- हिंदी, संथाली, उर्दू,कुङमालि

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