नई दिल्ली: अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने अब फिल्म उद्योग को विभिन्न प्रकार के आतंकवादियों से बचाने की बात कहकर कई लोगों पर निशाना साधा है. शनिवार को कंगना ने यह बात उस समय कही जब वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फिल्म सिटी बनाने के फैसले की तारीफ कर रही थीं. कंगना का यह ट्वीट अब जमकर वायरल हो रहा है.
अभिनेत्री ने शनिवार के ट्वीट में लिखा, ‘लोगों का मानना है कि हिंदी फिल्म उद्योग भारत की सबसे बड़ा है, जो बिल्कुल गलत है. तेलुगू फिल्म उद्योग ने खुद को शीर्ष स्थान पर पहुंचा दिया है, जिसे भारत में कई भाषाओं में कई फिल्मों को रामजी फिल्मसिटी हैदराबाद में फिल्माया जा रहा है.’
People’s perception that top film industry in India is Hindi film Industry is wrong. Telugu film industry has ascended itself to the top position and now catering films to pan India in multiple languages, many hindi films being shot in Ramoji Hydrabad 1/2 https://t.co/zB6wkJg1zX
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 19, 2020
इसके आगे कंगना ने लिखा है, ‘मैं योगी आदित्यनाथ जी की इस घोषणा की सराहना करती हूं. हमें फिल्म उद्योग में कई सुधारों की जरूरत है. सबसे पहले हमें एक बड़े फिल्म उद्योग की जरूरत है, जिसे भारतीय फिल्म उद्योग कहा जाता है. हम कई आधार पर इसे विभाजित करते हैं, जिसका लाभ हॉलीवुड फिल्मों को मिलता है. एक उद्योग, लेकिन कई फिल्म सिटीज.’
जानिए किसे कहा कंगना ने आतंकी
CM योगी की तारीफ वाले इसी ट्वीट के रिप्लाई में उन्होंने लिखा आगे लिखा, ‘हमें विभिन्न आतंकियों से इंडस्ट्री को बचाने की जरूरत है. जैसे, भाई-भतीजावाद आतंकवाद, ड्रग्स माफिया आतंकवाद, लिंगभेद आतंकवाद, धार्मिक और क्षेत्रीय आतंकवाद, विदेशी फिल्मों का आतंकवाद, पाइरेसी आतंकवाद, मजदूरों के शोषण से जुड़ा आतंकवाद, प्रतिभा के शोषण का आतंकवाद.’
सबसे सुंदर फिल्म सिटी नोएडा में
आपको बता दें कि एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘सीएम ने समीक्षा बैठक के दौरान देश के सबसे बड़े और सबसे सुंदर फिल्म सिटी को गौतम बुद्ध नगर में बनाने की घोषणा की है. उन्होंने अधिकारियों को नोएडा, ग्रेटर नोएडा या यमुना एक्सप्रेसवे में या इनके आसपास उपयुक्त स्थान की खोज करने के लिए कहा है. इसके लिए एक एक्शन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं.’ आधिकारिक बयान में आगे कहा गया है, ‘यह फिल्म सिटी फिल्म निर्माताओं को एक बेहतर विकल्प देगी और, एक ही समय में, रोजगार सृजन में मदद करेगी. इस दिशा में, जल्द से जल्द भूमि के विकल्पों के साथ-साथ एक कार्य-नीति भी तैयार की जानी चाहिए.’
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