जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष राज्य का दर्जा खत्म हो गया है। जम्मू-कश्मीर अलग केंद्र शासित प्रदेश बनेगा और लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन को अमरनाथ यात्रा को रोकने के लिए कहा गया था क्योंकि भारतीय सेना ने कहा था कि पाकिस्तान के आतंकवादी चल रहे तीर्थयात्रियों पर हमले की साजिश रच रहे हैं।
केंद्र सरकार ने ने सुरक्षा बलों की कई कंपनियां जम्मू कश्मीर में भेजी थी।
NDTV की खबर के मुताबिक राज्यसभा में हंगामे के बीच गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का ऐलान कर दिया गया है। राज्यसभा में भारी हंगामे के बीच उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के कई खंड लागू नहीं होंगे। सिर्फ खंड एक बचा रहेगा. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष राज्य का दर्जा खत्म हो गया है। वहीं उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर अलग केंद्र शासित प्रदेश बनेगा और लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर विधायकों वाला केन्द्र शासित प्रदेश बनेगा, वहीं लद्दाख को बिना विधायकों के केन्द्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा
जम्मू-कश्मीर विधानसभा के साथ केंद्र शासित प्रदेश बनेगा। आपको बता दें कि इससे पहले सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक हुई जिसमें प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और सुरक्षा से जुड़े अधिकारी शामिल थे।
जम्मू-कश्मीर के लोगों को आरक्षण का कोई लाभ नहीं मिल रहा था, वहां के राजनेता भ्रष्टाचार को पनपने दे रहे थे। धारा 370 ने जम्मू-कश्मीर को भारत में शामिल होने में कभी मदद नहीं की। धारा 370 से बहुत पहले यह भारत का हिस्सा था.
आर्टिकल 370 पर सरकार के कदम पर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने समर्थन किया है। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि भाजपा ने संविधान और भारत के लोकतंत्र की “हत्या” की है।
Article370 पर सरकार के प्रस्ताव के बाद PDP सांसद नजीर अहमद और एमएम फैयाज ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। दोनों के संविधान फाड़ने की कोशिश करने के बाद चेयरमैन ने सांसदों को सदन से बाहर जाने के लिए कहा। एमएम फैयाज ने प्रस्ताव का विरोध करते हुए अपना कुर्ता फाड़ लिया।