किसान मध्य प्रदेश में सरकार के खिलाफ़ करेंगे आंदोलन, बंद करेंगे दूध और सब्ज़ी की सप्लाई

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मध्य प्रदेश में 29 मई से किसान कर्जमाफी को ठीक तरह से न लागू करने के विरोध में राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन करने का ऐलान किया है। यह आंदोलन नौ दिन तक दो संगठनों द्वारा अलग-अलग समय में चलाया जायेगा। गौरतलब है कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में वादा किया था कि कांग्रेस की सरकार आने पर किसानों का 2 लाख रूपए तक माफ़ किया जायेगा। भारतीय किसान यूनियन 29 मई से 31 मई तक और इसके बाद भारतीय किसान संघ ने 1 जून से 5 जून तक हड़ताल करने का ऐलान किया है। इस बार भी किसानों ने अपनी उपज को मंडी तक नहीं पहुंचाने की घोषणा की है। इस दौरान दूध और सब्जी की सप्लाई भी नहीं होगी। इससे पहले किसान आत्महत्या और उपज का सही मूल्य न मिलने के कारण आंदोलन कर चुके है।

भारतीय किसान यूनियन का कहना है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार प्रदेश में किसानों के उत्थान और कर्जमाफी की बात कह रही है। यूनियन के मुताबिक आखिर किसका उत्थान और कितने किसानों का कर्जा माफ हुआ? चुनाव से पहले सरकार ने दो लाख तक का कर्ज माफ करने का वादा किया था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अगर किसानों का कर्जा माफ हुआ है तो उन्हें बैंकों द्वारा नोटिस क्यों भेजे जा रहे हैं? किसान आज भी आत्महत्या क्यों कर रहे हैं। यूनियन का आरोप है कि किसानों को आज भी उनकी उपज का मूल्य नहीं मिल रहा है।

इसके अलावा राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन ने कहा है वह 1 जून से 5 जून तक हड़ताल करेंगे। दोनों ही संगठनों का नेतृत्व किसान नेता शिवकुमार शर्मा कर रहे हैं। शिवकुमार शर्मा ने बताया कि उनका संगठन 29 मई को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनात से मुलाकात करेगा। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष अनिल यादव ने बताया कि हड़ताल के दौरान किसान दूध की सप्लाई नहीं करेंगे और सब्जी भी मंडी तक नहीं पहुंचाई जाएगी।