17 सितंबर 1950 में जन्मे नरेन्द्र मोदी को कभी यह अंदाज़ा भी नहीं था कि वह 2014 व 2019 में दो बार देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। इसी तरीक़े कई देशवासियों व मोदी प्रशंसकों को उनकी ज़िन्दगी से जुड़े कुछ अनकहे तथ्यों के बारे में कोई जानकारी नहीं, लेकिन इस लेख में हम आपको पीएम मोदी से जुड़े 10 अनकहे तथ्य बताने जा रहे हैं।
1- आज़ाद भारत में जन्मे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अभी भी कोई घनिष्ठ मित्र नहीं है।
2- नरेंद्र मोदी की सगाई 13 वर्ष की छोटी उम्र हो गई थी, लेकिन शादी 18 वर्ष की आयु में हुई। मगर उनका विवाह कभी भी परिपूर्ण नहीं रहा जिसके कारण मोदी व उनकी पत्नी जशोदाबेन ने अपने अलग-अलग रास्ते चुन लिए। नरेंद्र मोदी ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहते थे।
3- प्रधानमंत्री मोदी का पसंदीदा खाना गुजरती तरीके से तैयार भाकरी और खिचड़ी है। पीएम मोदी उनको खाना बनाना भी जानते हैं।
4- लगातार नरेन्द्र मोदी अपना निजी सामान या उनसे सम्बंधित कोई भी चीज जला देते थे। यह उनका अपने आपको अतीत से अलग करने का एक का तरीका था।
5- नरेंद्र मोदी के पिता का गुजरात के वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय-स्टॉल था, और युवावस्था में नरेंद्र मोदी अक्सर स्टेशन पर चाय बेचने में उनकी मदद करते थे। यह नरेंद्र मोदी के बारे में सबसे अनकहा तथ्य है। वह अपने भाषणों में कई बार इसका ज़िक्र किया है।
6- जब ज़्यादातर किशोर 17 साल की उम्र में अपने करियर के बारे में सोचते हैं मगर नरेंद्र मोदी ने 17 साल की उम्र में पूरे भारत में यात्रा के लिए घर छोड़ने का फैसला किया। इस निर्णय ने उनके जीवन के पाठ्यक्रम को ही बदलकर रख दिया क्योंकि यात्रा के दौरान उन्होंने भारत की कई संस्कृतियों के दर्शन किए और विभिन्न लोगों से मिले। इस अवधि के दौरान उन्होंने हिमालय की यात्रा की और योगी साधुओं के साथ लगभग दो साल संयासी के रूप में बिताए। इन यात्राओं ने युवा मोदी पर एक स्थायी छाप छोड़ी|
7- मोदी का देशप्रेम युवावस्था से ही शुरू हो गया था बचपन में 1965 के पकिस्तान युद्ध के दौरान रेलवे स्टेशन पर सैनिकों को चाय दिया करते थे। उन्होंने 1967 में गुजरात में बाढ़ पीड़ितों की मदद भी की थी।
8- इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल होने का निर्णय और साल 1972 में आरएसएस से जुड़ गए।
9- वह फरवरी 1987 में गुजरात इकाई के संगठन सचिव के रूप में भाजपा में शामिल हुए, उसी साल जब बीजेपी ने अहमदाबाद म्युनिसिपल इलेक्शन जीता और उसके बाद से वह कभी भी अहमदाबाद में म्युनिसिपल इलेक्शन नहीं हारे। वर्ष 1998 में राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बने।
10- वर्ष 2000 के अहमदाबाद नगरपालिका चुनावों में, भाजपा हार गई, विडंबना यह थी कि उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात से बाहर थे। वे भाजपा के लिए एक लकी चार्म की तरह रहे हैं और उसके बाद वह अक्टूबर 2001 में गुजरात के सीएम बने और राज्य के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले सीएम रहे।