जानिए, क्या होता है हवाला कारोबार और ये कैसे काम करता है?

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हवाला कारोबार कई देशों की प्रमुख समस्या है जिसमें भारत भी एक है। दरअसल, अक्सर टी.वी. पर या अख़बार पढ़ने के दौरान हवाला कारोबार में संलिप्त लोगों के गिरफ़्तार होने की ख़बरें आती रहती रहती है। ऐसे में आम लोग यह नहीं समझ पाते कि हवाला कारोबार क्या है? इस लेख के माध्यम से हम आपको हवाला कारोबार के बार में बताने जा रहे हैं।

  • 1- हवाला का मतलब होता है कि ‘Reference’ देना। यानी हवाला कारोबार में जब एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से पैसे लेता है तो लेने व देने वाला व्यक्ति हवाला देता है कि यह पैसा इस कारोबारी ने दिया है या उस कारोबारी ने दिया है।
  • 2- हवाला कारोबार में अनाधिकृत धन को एक देश से दूसरे में भेजा जाता है।  
  • 3-  और यह काम एजेंटों द्वारा किया जाता है।
  • 4- इस प्रकार यह पैसे के लेन देन का एक गैर कानूनी तरीका है जिसे “हुंडी” भी कहा जाता हैl

इसी प्रकार हवाला का कारोबार भी किया जाता है और जिसमें बताये गए या “हवाला” दिए गए व्यक्ति को भुगतान करना या उससे भुगतान लेना शामिल होता है। इस तरह के कारोबार में 3 लोग ज़रूर ही शामिल होते हैं-  

1. जिससे भुगतान लेना है।

2. जिसको भुगतान देना है।

3. एजेंट, भुगतान लेने और देने वालों के बीच कड़ी का काम एजेंट करता है।

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कौन-कौन लोग हवाला कारोबार करते हैं ?

हवाला कारोबार करने वालों में मुख्य रूप से निर्यात व्यापार में शामिल कम्पनियाँ, बड़े बड़े कारोबारी और राजनीतिक दलों के नेता शामिल होते हैं। जो बड़े कारोबारी जो कर चोरी कर रहे हैं वे भी काला धन इकट्ठा कर रहे हैं। हमारे देश के बहुत सारे लोग विदेशों में रहते हैं, हवाला का कारोबार करने वाले उनका इस्तेमाल हवाला कारोबार करने में करते हैं। भारत में हवाला के आरोपी व्यापारी हसन अली और ललित मोदी हैं।

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भारत में हवाला कारोबार की क्या स्थिति है ?

गृह मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में प्रतिवर्ष हवाला कारोबार का आकार 20 से 25 अरब डॉलर का है। भारत में सबसे अधिक हवाला का कारोबार केरल राज्य में होता है जो कि खाड़ी के देशों से बहुत बड़ी मात्रा में विदेश से हवाला के ज़रिए पैसा प्राप्त करता है। एक अनुमान के मुताबिक़. केरल में हर साल 23000 करोड़ का हवाला रूपया आता है। इसके बाद दूसरे नंबर पर दिल्ली का स्थान आता है।

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