सूर्य ग्रहण(Solar-eclipe) क्यों पड़ता है जिसे जानकर आपको मालुम होगा कि यह कोई चमत्कार नहीं होता।ग्रह और उपग्रह एक दूसरे के चक्कर लगाते रहते हैं। सूर्य की परिक्रमा पृथ्वी करती है और पृथ्वी का उपग्रह है चंद्रमा जो पृथ्वी की परिक्रमा करता है। इस तरह एक-दूसरे की परिक्रमा करते हुए यह कभी-कभी दूसरे ग्रहों को ढक देते हैं। जो ग्रहण का कारण बन जाता है।इसी कारण को कई लोग अंधविश्वास की दृष्टि से देखते हैं।
सूर्यग्रहण
सूर्य ग्रहण पड़ने का कारण भी यहीं परिक्रमा है जो एक ढकाव के कारण होता है।जैसी कि हमने आपको बताया कि पृथ्वी सूर्य के चक्कर लगाती है और जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है तो सूर्य पृथ्वी को दिखाई नहीं देता और सूर्य ढकने लगता है। इसी स्थिति को सूर्य ग्रहण कहते हैं। यदि सूर्य का एक भाग छिप जाता है तो वह आंशिक सूर्य ग्रहण होता है।
21 जून दिन रविवार को खण्डग्रास सूर्य ग्रहण (चूड़ामणियोग) लगेगा जो भारत में भी दिखाई देगा।21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण साल 2020 में भारत में दिखने वाला एक मात्र सूर्य ग्रहण होगा। इससे पहले भारत में 26 दिसंबर को भारत में सूर्य ग्रहण दिखाई दिया था।21 जून को होने वाला सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य एक चमकते हुए कंगन की भांति दिखाई देगा। इसलिए इस सूर्य ग्रहण को कंकण सूर्य ग्रहण कहा जाएगा।
ग्रहण के दौरान जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा आ जाएगा तब चंद्रमा सूर्य की रोशनी पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाएगी ऐसे में सूर्य सोने की अंगूठी की तरह दिखाई देगा। यह ग्रहण वलयाकार होगा जिमसें चांद सूरज को पूरी तरह से ढ़क नहीं पाएगा अगर चांद सूरज को पूरी तरह से ढ़क लेता तो यह पूर्ण सूर्य ग्रहण कहलाता। इस वलयाकार सूर्य ग्रहण में चांद 30 सेकंड के लिए ही सूर्य को ढ़क पाएगा।
हनुमान सेतु मन्दिर के वेदाचार्य गोविन्द शर्मा व ज्यातिषी आनन्द दुबे ने बताया कि ग्रहण का समय प्रात:10:27 बजे प्रारम्भ 12:12 बजे मध्य एवं दोपहर 01:58 बजे मोक्ष यानी ग्रहण की समाप्ति होगी।इस कारण राजधानी के मन्दिर 21 जून को प्रात: नहीं खुलेंगे। हनुमान सेतु मन्दिर के प्राचार्य चन्द्रकांत द्विवेदी ने बताया कि ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले 20 जून की रात 10:27 बजे से शुरु हो जाएगा। इस कारण मन्दिर 21 जून को प्रात: नहीं खुलेगा। उसी दिन शाम 4 बजे मन्दिर के पट खुलेंगे। महाकाल मन्दिर के संयोजक अतुल मिश्रा ने बताया कि 20 की रात 10 बजे मन्दिर के पट बन्द होंगे 21 की शाम 5:30 बजे सफाई होने के बाद बाबा महाकाल के दर्शन होंगे।
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