सवाल 90: क्या होती है आयुष्मान भारत योजना, कैसे और कौन ले सकता है इसका लाभ?

778
http://news4social.com/?p=52358

अच्छी सेहत अच्छी दिनचर्या पर निर्भर करती है। वहीं भविष्य में किसी सेहत से सम्बंधित समस्या को कम करने के लिए स्वास्थ बीमा जरूरी है। वैसे इस समय कई साड़ी प्राइवेट कंपनियों द्वारा बीमा उपलब्ध कराया जाता है। इसी कड़ी में भारत सरकार ने एक बीमा योजना चलायी है जिसे आयुष्मान भारत योजना कहा जाता है। आइये जानते है क्या है इस योजना के फायदे और इसे कौन-कौन ले सकता है।

पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य’ योजना (आयुष्मान भारत योजना) की घोषणा की है। इसे पिछले साल पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती पर 25 सितंबर से देशभर में लागू कर दिया गया है। सरकार आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से गरीब, उपेक्षित परिवार और शहरी गरीब लोगों के परिवारों को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराना चाहती है।

सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC) 2011 के हिसाब से ग्रामीण इलाके के 8.03 करोड़ परिवार और शहरी इलाके के 2.33 करोड़ परिवार आयुष्मान भारत योजना के दायरे में आयेंगे। आयुष्मान भारत योजना में हर परिवार को सालाना पांच लाख रुपये का मेडिकल इंश्योरेंस मिल रहा है। साल 2008 में UPA सरकार द्वारा लांच राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (NHBY) को भी आयुष्मान भारत योजना (PM-JAY) में मिला दिया गया है।

Aayushman Bharat Yogna 1 -

शहरी इलाके में 11 पूर्व निर्धारित पेशे/कामकाज के हिसाब से लोग आयुष्मान भारत योजना में शामिल हो सकते हैं। राज्यों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में पहले से शामिल लोग खुद ही आयुष्मान भारत योजना में शामिल हो गए हैं।

ग्रामीण इलाकों को इस योजना के लिए पात्रता

ग्रामीण इलाके में कच्चा मकान, परिवार में किसी व्यस्क (16-59 साल) का नहीं होना, परिवार की मुखिया महिला हो, परिवार में कोई दिव्यांग हो, अनुसूचित जाति/जनजाति से हों और भूमिहीन व्यक्ति/दिहाड़ी मजदूर इसके अलावा ग्रामीण इलाके के बेघर व्यक्ति, निराश्रित, दान या भीख मांगने वाले, आदिवासी और क़ानूनी रूप से मुक्त बंधुआ आदि खुद आयुष्मान भारत योजना में शामिल हो जायेंगे।

शहरी इलाकों को इस योजना के लिए पात्रता

भिखारी, कूड़ा बीनने वाले, घरेलू कामकाज करने वाले, रेहड़ी-पटरी दुकानदार, मोची, फेरी वाले, सड़क पर कामकाज करने वाले अन्य व्यक्ति. कंस्ट्रक्शन साईट पर काम करने वाले मजदूर, प्लंबर, राजमिस्त्री, मजदूर, पेंटर, वेल्डर, सिक्योरिटी गार्ड, कुली और भार ढोने वाले अन्य कामकाजी व्यक्ति स्वीपर, सफाई कर्मी, घरेलू काम करने वाले, हेंडीक्राफ्ट का काम करने वाले लोग, टेलर, ड्राईवर, रिक्शा चालक, दुकान पर काम करने वाले लोग आदि आयुष्मान भारत योजना में शामिल होंगे।

कैसे ले सकते है इसका लाभ

Aayushman Bharat Yogna 2 -

आयुष्मान भारत योजना का लाभार्थी अस्पताल में एडमिट होने के लिए कोई चार्ज नहीं चुकाएगा। अस्पताल में दाखिल होने से लेकर इलाज तक का सारा खर्च इस योजना में कवर किया जायेगा। आयुष्मान भारत योजना के लाभ में अस्पताल में दाखिल होने से पहले और बाद के खर्च भी कवर किये जायेंगे. पैनल में शामिल हर अस्पताल में एक आयुष्मान मित्र होगा. वह मरीज की मदद करेगा और उसे अस्पताल की सुविधाएं दिलाने में मदद करेगा. अस्पताल में एक हेल्प डेस्क भी होगा जो दस्तावेज चेक करने, स्कीम में नामांकन के लिए वेरिफिकेशन में मदद करेगा। आयुष्मान भारत योजना में शामिल व्यक्ति देश के किसी भी सरकारी/पैनल में शामिल निजी अस्पताल में इलाज करा सकेगा।

आयुष्मान भारत योजना में तकरीबन हर बीमारी के लिए चिकित्सा और अस्पताल में दाखिल होने का खर्च कवर है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने आयुष्मान भारत योजना (ABY) में 1354 पैकेज शामिल किये हैं। इसमें कोरोनरी बायपास, घुटना बदलना और स्टंट डालने जैसे इलाज शामिल हैं। आयुष्मान भारत योजना का लाभ लेने के लिए कोई औपचारिक प्रक्रिया नहीं है। एक बार योग्य होने पर आप सीधे इलाज करा सकते हैं। सरकार द्वारा चिन्हित परिवारों के लोग में शामिल हो सकते हैं।

केंद्र सरकार सभी राज्य सरकार और इलाके की अन्य संबंधित एजेंसियों के साथ इस योजना के लिहाज से योग्य परिवार की जानकारी साझा करेगी। उसके बाद इन परिवारों को एक फैमिली आइडेंटिफिकेशन नंबर मिलेगा। लिस्ट में शामिल लोग ही आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठा सकते हैं। जिन लोगों के पास 28 फरवरी 2018 तक राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का कार्ड होगा, वे भी आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठा सकते हैं।

यह भी पढ़ें: सवाल 87: मेनोपॉज क्या है, क्यों इसकी वजह से सम्बन्ध बनाने में रूचि होती है कम?

सभी सरकारी अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी इलाज करा सकते हैं. इसके साथ ही सरकार के पैनल में शमिल निजी अस्पताल में भी इस योजना के लाभार्थी इलाज करा सकते हैं। पैनल में शामिल होने के लिए निजी अस्पताल में कम से कम 10 बेड और इसे बढ़ाने की क्षमता होनी चाहिए। लाभार्थी सरकार द्वारा इस योजना के लिए जारी हेल्पलाइन नंबर पर भी कॉल कर सकते हैं: 14555