चारा घोटाले के चौथे केस में लालू प्रसाद यादव को सबसे लम्बी सज़ा, 7-7 साल और 60 लाख जुर्माना

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बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाले के चौथे दुमका कोषागार मामले में आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को सज़ा सुना दी गई है. लालू प्रसाद यादव को दो धाराओं में 7-7 साल की सज़ा का ऐलान किया गया है. दोनों सज़ाएं अलग-अलग चलेंगी. साथ ही लालू यादव पर 60 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना ना देने की स्थिति में 1-1 साल की सजा बढ़ जाएगी.

सीबीआई की विशेष अदालत ने दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपए की अवैध निकासी के मामले में लालू यादव को यह सज़ा सुनायी है. बता दें कि चारा घोटाले में लालू यादव को मिली यह सबसे बड़ी सज़ा है. दुमका कोषागार मामले में 5 मार्च को सुनवाई पूरी कर ली गई थी, जिसके बाद लालू यादव द्वारा दाखिल की गई कई याचिकाओं के कारण सज़ा पर सुनवाई टलती आ रही थी. आज सीबीआई की विशेष अदालत ने आखिरकार लालू प्रसाद यादव की सज़ा का ऐलान कर दिया. हालांकि सज़ा सुनाए जाने के वक्त लालू प्रसाद यादव कोर्ट में मौजूद नहीं थे. लालू यादव रांची की बिरसा मुंडा जेल में अपनी सज़ा काट रहे थे. बीते दिनों तबीयत खराब होने के कारण लालू प्रसाद यादव को जेल से रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

ये है क़ानून का आदेश

लालू यादव के वकील प्रभात कुमार ने बताया है कि लालू यादव को दुमका कोषागार केस में आईपीसी और पीसी की धाराओं के तहत सात-सात साल की सजा सुनाई गई है. जिसमें आपराधिक साजिश जैसी धाराएं भी शामिल हैं. वहीं, 30-30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

लालू यादव के खिलाफ IPC की धारा 120 बी, 467, 420, 409, 468, 471, 477ए और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट (PC Act) की धारा 13(2) रेड विथ 13(1)(सी)(डी) के तहत सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने दोनो में 7-7 साल सजा और 30-30 लाख का जुर्माना लगाया है.

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हर केस में सख्त रही कोर्ट

दुमका कोषागार मामले में लालू प्रसाद यादव और जगन्नाथ मिश्र समेत 31 लोगों को आरोपी बनाया गया था. लालू यादव के वकीलों को उम्मीद थी कि उनकी बढ़ती उम्र और खराब तबीयत के कारण कोर्ट उनकी सज़ा में कुछ नरमी बरतेगा. लेकिन कोर्ट ने कोई नरमी ना बरतते हुए लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले में सबसे बड़ी सज़ा सुनायी. लालू यादव इससे पहले चारा घोटाले के 3 अन्य मामलों में भी दोषी करार दिए जा चुके हैं. चारा घोटाले के कुल 6 मामलों में लालू प्रसाद यादव आरोपी हैं, जिनमें से पहले मामले में लालू यादव को साल 2013 में 5 साल की सज़ा, दूसरे मामले में साल 2017 में साढ़े तीन साल की सज़ा और तीसरे मामले में 5 साल की सज़ा सुनायी गई. अब चौथे दुमका कोषागार मामले में लालू यादव को दो धाराओं में 7-7 साल की सज़ा सुनायी गई है. इनके अलावा लालू यादव को 2 अन्य मामलों में भी आरोपी बनाया गया है और अभी इन पर भी सुनवाई चल रही है.

बरसों पुराना जुर्म है

बता दें कि 1990 के दशक में बिहार में बहुचर्चित चारा घोटाला हुआ था, जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को आरोपी बनाया गया था. पटना हाईकोर्ट द्वारा मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई. बिहार और झारखंड के बंटवारे के बाद कुछ मामले रांची ट्रांसफर कर दिए गए थे. दुमका कोषागार मामला भी उन्हीं मामलों में से एक है.