हमीरपुर: लेखपाल संघ का आठ सूत्री मांग को लेकर प्रदर्शन, कार्य का किया बहिष्कार

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हमीरपुर: क्षेत्र में लेखपालों का प्रदर्शन जारी है. यह लेखपाल संघ आठ सूत्री मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहें है. इसके चलते उन्होंने कार्य करने का बहिष्कार भी किया है. वहीं शासन ने लेखपालों को काम में वापिस लौटने के आदेश भी जरिए किए है.

महिला लेखपालों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया

आपको बता दें अपनी मांग पूरा ना होने को लेकर लेखपाल तीन जुलाई से कार्य बहिष्कार कर धरना प्रदर्शन कर रहें है. समय-समय के साथ लेखपाल में आक्रोश काफी बढ़ता जा रहा है. बीते दिन यानी सोमवार को कलेक्ट्रेट गेट पर भारी तादाद में लेखपालों ने प्रदर्शन किया, इस धरना प्रदर्शन में महिला लेखपालों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया है. बहरहाल, आंदोलन कर रहें लेखपालों के खिलाफ प्रशासन ने अभी तक कोई कड़ी कार्यवाही नहीं की है. इस पर लेखपालों का कहना है कि उनके कुछ साथियों को निलंबित और जेल भेजा गया है. इसके तहत संघ में उग्र काफी देखा गया है, यह धरना-प्रदर्शन किसी भी कीमत में नहीं रोका जाएगा. अभी तक इन लेखपाल का आंदोलन तहसील स्तर तक सीमित था पर अब यह जिला मुख्यालय तक पहुंच चुका है. अपने आठ सूत्री मांगों पर अडिग लेखपाल संघ इससे कम के समझौते को लेकर तैयार नहीं है.

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क्या है इनकी मांगे

लेखपाल की इस आठ सूत्री मांग को लेकर जिला अध्यक्ष कृष्ण कुमार ने कहा है कि इस आठ सूत्री मांग में वेतन में बढोत्तरी, वेतन विसंगति, बाइक भत्ता व स्टेशनरी भत्ता, पदोन्नति के अवसर, लैपटॉप तथा स्मार्ट फोन उपलब्ध करवाना, राजस्व निरीक्षक नियमावली पारित करने, पेंशन विसंगति दूर करने जैसी अन्य मांग है. तीनों तहसीलों से जुटे लेखपालों ने कलेक्ट्रेट गेट पर पूरे दिन धरना-प्रदर्शन जारी रखा है.

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जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश का बयान

जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने लेखपालों हड़ताल से आय जाति और निवास प्रमाण पत्र में आ रही समस्या को दूर करने के लिए नायब तहसीलदार तथा कानूनगो को निर्देशित किया है. उन्होंने इस दौरान कहा कि आम जनता को आय जाति निवास प्रमाण पत्र विशेषकर छात्र जिन को विभिन्न कक्षाओं में प्रवेश प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रमाण पत्र की जरूरत है तो उन्हें कोई परेशानी न हो इसके लिए उनको वैकल्पिक व्यवस्था कराई जा रही है. वहीं इस मामले में मंत्री विरेन्द्र कुमार कुशवाहा ने कहा है की धरना को लेकर संघ काफी आक्रोशित है. शासन ने धरना दे रहे लेखपालों को निलंबित कर जेल भेजा जिसको लेकर यह और उग्र है.

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