महाभारत का सबसे भयानक दृश्य कौन सा था?

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महाभारत में ऐसे बहुत से किस्से हैं जो काफी रोचक हैं जिसे सुनने के बाद बहुत कुछ सीखने को मिलता है। क्या आप जानते हैं कि जब दुर्योधन ने पांडवों को निमंत्रण दिया, तो श्रीकृष्ण जानते थे कि सबसे विकट परिस्थितियां होने वाली हैं लेकिन इसका खुलासा उन्होंने नहीं किया . उद्धव ने श्री कृष्ण से प्रश्न किया कि हे प्रभु जब आप सब जानते थे तब भी आपने पांडवो की मदद क्यो नही की ? इस पर कृष्ण ने जवाब दिया कि हे उद्धव इस संसार मे सभी प्राणियों को अपने अपने कर्मो के अनुसार ही फल भोगना पड़ता है, मैं उसमे हस्तक्षेप नही करता ।

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द्रौपती के साथ चीर हरण होना ही महाभारत का सबसे भयानक मंज़र था और इसी घटना के बाद महाभारत का भयानक युद्ध हुआ जो , काफी ही भयभीत करने वाला था। पांडव अपनी हार का खेल स्वयं खेलना चाहते थे. जब वे हार रहे थे तब भी किसी ने मुझे याद नही किया। जब द्रौपदी के बाल पकड़कर दुस्सासन घसीटते हुए सभा के मध्य ला रहा था तब भी उसने मुझे याद नही किया ।

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जब दुस्सासन ने उसके वस्त्रों को छुआ तभ भी वह अपने सामर्थ्य से झपट रही थी । जैसे ही दुस्सासन ने उसके चीर को निकालना शुरू किया तब उसे कोई चारा नही दिखा और उसने मुझे याद किया , मैंने तनिक भी विलंब(देर) नही किया और तुरंत वहाँ पहुंचकर उसकी रक्षा की । यदि वह मुझे पहले ही बुला लेती तो में पहले ही अंदर आ जाता । लेकिन मुझे अंदर जाने की इजाज़त नही थी। इसलिये में अंदर नही गया ।

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