निधन के ३० साल बाद महादेवी वर्मा को मिला टैक्स चुकाने का नोटिस

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हिंदी की महान लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता महादेवी वर्मा को गुजरे हुये ३० साल हो गए हैं. महादेवी वर्मा को पद्म विभूषण और ज्ञानपीठ जैसे शीर्ष पुरस्कारों से नवाजा गया था. लेकिन हमारे देश की कानून व्यवस्था कितनी सुस्त और लापरवाह है इसका एक और उदहारण जीता जगता सामने आया है. महादेवी वर्मा की मौत के 30 साल बाद इलाहाबाद नगर निगम ने टैक्स का नोटिस थमाया है.

दरअसल अपनी मौत से 2 साल पहले महादेवी वर्मा ने एक ट्रस्ट बनाया था और अपनी सारी संपति उसे दान कर दी थी. जिसमें नेवादा नामक एक जगह में उनका अपना घर भी शामिल है. तब से केयरटेकर ही वहां रह रहे हैं. टैक्स अधिकारी ने बताया कि अगर कोई संपति ट्रस्ट में बदल दी जाती है तो उसकी सूचना देनी होती है. निगम को इस संबंध में किसी तरह की कोई सूचना नहीं मिली है.

हाउस टैक्स का नोटिसmahadevi verma 2 -

इलाहाबाद नगर निगम ने महादेवी वर्मा को 44,816 रुपए का हाउस टैक्स का नोटिस भेजा है. हाउस टैक्स विभाग इसके बाद कर में छूट को लेकर आगे की कार्रवाई करता है. मुख्य चीफ टैक्स असेसमेंट ऑफिसर पीके मिश्रा ने कहा, ‘हमारे रिकॉर्ड के मुताबिक, महादेवी वर्मा अभी भी उस मकान की मालिक हैं और इसलिए हमने उन्हें नोटिस भेजा. अभी जो लोग मकान में रह रहे हैं, उन्होंने कभी कोई एप्लीकेशन जमा नहीं किया है. अगर वो अब भी अप्लाई करेंगे तो हम इसे असेंबली में रखेंगे जो उन्हें हाउस टैक्स से मुक्ति दिला सकता है.’

दूसरी ओर, महादेवी के परिजनों का कहना है कि उनकी मौत के बाद संपति को ट्रस्ट में बदले जाने की सूचना एक पत्र के जरिए दे दी गई थी. लेकिन उन्होंने उस पत्र को गायब कर दिया है.

रद्द कर दिया गया नोटिस

इसी बीच एक खबर ये भी है कि लोगों के विरोध के कारण नोटिस को रद्द कर दिया गया है. गौरतलब है कि महादेवी के निधन के बाद उनके घर में उनके गोद लिये हुए पुत्र रामजी पांडेय का परिवार रहता है और उनके परिवार ने इसे एक महान शख्सीयत का अपमान बताया है.