नई दिल्ली: किसानों ने अपनी मांगों को लेकर गुरुवार को मुंबई के विधानसभा के पास धरना-प्रदर्शन करते हुए सड़कों पर उतर आए है.
आजाद मैदान के इर्द-गिर्द आम लोगों को भारी भीड़ और ट्रैफिक का सामना करना पड़ा
आपको बता दें कि किसानों की मांग है कि सूखे का मुआवजा दिया जाए और किसानों को वन्य अधिकार दिए जाए. इसके के कारण सैकड़ों किसानों और आदिवासियों ने बुधवार को को ठाणे से लेकर मुंबई तक दो दिन का मार्च शुरु कर दिया. वहीं इस मोर्चे की वजह से गुरुवार को आजाद मैदान के इर्द-गिर्द आम लोगों को भारी भीड़ और ट्रैफिक का सामना करना पड़ा.
गौरतलब, है कि इस मोर्च में 20,000 से ज्यादा किसान इसका हिस्सा बनेंगे. इस दौरान किसान और आदिवासी अपने खान-पान का सामान अपने साथ लेकर गए हुए है. आठ माह पहले भी किसानों ने नासिक से इसी तरह का मोर्चा निकाला था.
मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित डॉ. राजेन्द्र सिंह भी इस मोर्चे में शामिल है
बता दें कि इस आंदोलन में भारत के जल पुरुष के नाम से मशहूर और मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित डॉ. राजेन्द्र सिंह भी शामिल है. किसानों ने बीते दिन से पैदल यात्रा शुरू कर दी है. इस प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले एक एक नेता ने बताया कि गुरुवार सुबह वे दक्षिण मुंबई में आजाद मैदान पहुंचेंगे और फिर वे विधानसभा के पास धरना-प्रदर्शन करेंगे.
लोक संघर्ष मोर्चे की महासचिव प्रतिभा शिंदे का बयान
बहरहाल, विधानसभा का सत्र चालू हो रहा है. इस मोर्चे में भाग लेने वाले अधिकतर लोग ठाणे, भुसावल और मराठवाड़ा इलाके से है. इस प्रदर्शन को आयोजित करने वाली लोक संघर्ष मोर्चे की महासचिव प्रतिभा शिंदे ने कहा है कि हमने राज्य सरकार से अक्सर ही कहा है कि वे हमारी इन मांगों को जल्द से जल्द पूरा करें लेकिन प्रतिक्रिया काफी उदासीन है. उन्होंने आगे कहा है कि हम इस बात का खास तरीके से ध्यान रख रहें है कि मुंबई के लोगों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो.
क्या है किसानों की मांगे
- किसानों का मोर्चा करने के पीछे की वजह सरकार द्वारा उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाना. किसानों की मांग है कि स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू किया जाए. स्वामीनाथन रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि जमीन और पानी जैसे संसाधनों तक किसानों की निश्चित रूप से पहुंच और नियंत्रण होना चाहिए.
- कर्ज माफी पैकेज को उचित रूप से लागु करने, किसानों के लिए भूमि अधिकार और खेतिहर मजदूरों के लिए मुआवजे की मांग समेत कई अन्य मांगे है.