क्या मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग भी नहीं है कोरोना को मात देने में कारगार?

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कोरोना वायरस दुनियाभर के लिए एक विकट समस्य बन गई है। दिन प्रति दिन कोरोना से संक्रमण के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। कोरोना से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क को गंभीरता से लेने की अपील की जा रही है लेकिन क्या आप जानते है मास्क और सोशल डिस्टन्सिंग भी कोरोना को मात देने के लिए काफी नहीं है। लैंसेट पत्रिका में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना कहर को कम करने के लिए मास्क और सोशल डिस्टन्सिंग पर्याप्त नहीं है। ये रिपोर्ट 16 देशों की 170 स्टडीज के डाटा पर आधारित है।

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स्टडी के मुताबिक यह सामने आया कि सोशल डिस्टेंसिंग कोरोना वायरस से ग्रसित होने के खतरे को 3 फीसदी तक कम करती है। अगर 1 मीटर की दूरी कोरोना वायरस के ट्रांसमिशन को 2.6 फीसदी तक कम कर सकती हैं, वहीं दो मीटर की दूरी इंफेक्शन के खतरे को 50 फीसदी तक कम कर सकती है। स्टडी में भी बताया गया है की मास्क और सोशल डिस्टन्सिंग कोरोना वायरस के संक्रमण की गति को कम करने में सक्षम है लेकिन पूरी तरह नहीं।

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मास्क का उपयोग करने से कोरोना का खतरा 3 फीसदी तक कम हो जाता है। स्टडी में यह पाया गया की मास्क , गॉगल्स और सोशल डिस्टन्सिंग का कड़े रूप से पालन करने कोरोना वायरस से संकर्मित होनी की संभावना को कम कर सकता है लेकिन पूरी तरह खत्म नहीं।

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कोरोना ने दुनियाभर में आतंक मचा रखा था अब यह दिन प्रति दिन घातक रूप में तब्दील होता जा रहा है। सरकार द्वारा अनलॉक -1 के बाद कोरोना प्रचंड रूप ले रहा है और इस घातक वायरस वायरस से जंग और मुश्किल होती जा रही है।