Mayawati On UP Election: ‘सत्ता में वापसी करेगी बसपा’, मायावती ने जन्मदिन पर सरकार बनाने का दावा कर जारी किए 53 प्रत्याशियों के नाम
लखनऊ
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने शनिवार को मीडिया को संबोधित किया। जन्मदिन पर किए गए संबोधन में उन्होंने अपने सभी कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया, जो उनका जन्मदिन मना रहे हैं। मायावती ने इस मौके पर दावा किया कि यूपी चुनाव 2022 में एक बार फिर बहुजन समाज पार्टी सत्ता में वापसी करेगी। प्रदेश में बसपा की सरकार बनेगी। यह सरकार हर वर्ग की भलाई के लिए कार्य करेगी। मायावती ने अपने जन्मदिन के मौके पर 53 उम्मीदवारों के नाम भी इस मौके पर जारी किए। उन्होंने कहा कि पहले चरण की बची 5 सीटों पर जल्द ही उम्मीदवारों की घोषणा होगी।
मायावती ने कहा कि हमारे जन्मदिन को सभी कार्यकर्ता सादगी से मना रहे हैं। इसके लिए उनका आभार है। इस दौरान कोविड नियमों का पालन किए जाने की बात कही जा रही है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि कार्यकर्ता हमारे जन्मदिन को जन कल्याणकारी दिवस के रूप में मना रहे हैं। आज का दिन दलित कल्याण दिवस का है। उन्होंने कहा कि बसपा ने हमेशा दलितों, पिछड़ों और वंचितों के लिए काम किया है। जनता एक बार फिर बसपा को सत्ता में ला रही है।
53 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा
मायावती ने इस मौके पर कहा कि यूपी विधानसभा चुनाव के पहले चरण के 58 में से 53 सीटों पर प्रत्याशी फाइनल कर दिए गए हैं। आज मैं अपने जन्मदिन के मौके पर पहले चरण की बीएसपी के उम्मीदवारों की सूची जारी कर रही हूं। बाकी बची 5 सीटों पर भी जल्द उम्मीदवारों के नाम फाइनल किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि चुनावों के समय दल बदलने वाले नेताओं पर सख्ती के साथ नियम बनाने की जरूरत है। दलबदलू नेता चिल्ला-चिल्ला कर ही कह रहे थे समाजवादी पार्टी अंबेडकरवादी पार्टी भी है। इनमें रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है। समाजवादी पार्टी ने ही दलितों की पदोन्नति के मामले में विधायक को फाड़ कर फेंक दिया था, जो अभी तक लटका हुआ है।
सपा पर लगाया बड़ा आरोप
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि दलित समाज में जन्मे संतो महापुरुषों के नाम पर रखे गए जिलों के नाम और कल्याणकारी योजनाओं के नाम जो हमने बदले थे, सपा ने हमेशा उसका विरोध किया। हमारी सरकार ने भदोही जिले को नया नाम दिया गया संत रविदास के नाम पर दिया, सपा ने बदल दिया। समाजवादी पार्टी ने सिर्फ यादवों का ध्यान रखा है, जबकि हमारी पार्टी ने दलितों के साथ-साथ यादव मुसलमानों अगड़ी और पिछड़ी सभी जातियों का ध्यान रखा। अल्पसंख्यकों को साधते हुए मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी के पहली सूची में मुसलमान समाज के अनदेखी की गई है, जबकि बसपा की सूची में मुसलमानों का पूरा ध्यान रखा गया है।
किसी पार्टी से कोई गठबंधन नहीं
सपा में गए स्वामी प्रसाद मौर्य ने शुक्रवार को मायावती पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि उनके बसपा छोड़ने के बाद पार्टी की हालत खराब हो गई। बसपा सुप्रीमो ने इस पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी में आने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य की किस्मत खुली है। बीजेपी वाले 5 साल तक उसको ढोते रहे। भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद के बसपा में शामिल करने के सवाल बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि किसी भी पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चुनाव आचार संहिता लगने की वजह से बसपा कार्यकर्ता हमारे जन्मदिन के मौके पर गरीबों की मदद नहीं कर पा रहे हैं।
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने शनिवार को मीडिया को संबोधित किया। जन्मदिन पर किए गए संबोधन में उन्होंने अपने सभी कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया, जो उनका जन्मदिन मना रहे हैं। मायावती ने इस मौके पर दावा किया कि यूपी चुनाव 2022 में एक बार फिर बहुजन समाज पार्टी सत्ता में वापसी करेगी। प्रदेश में बसपा की सरकार बनेगी। यह सरकार हर वर्ग की भलाई के लिए कार्य करेगी। मायावती ने अपने जन्मदिन के मौके पर 53 उम्मीदवारों के नाम भी इस मौके पर जारी किए। उन्होंने कहा कि पहले चरण की बची 5 सीटों पर जल्द ही उम्मीदवारों की घोषणा होगी।
मायावती ने कहा कि हमारे जन्मदिन को सभी कार्यकर्ता सादगी से मना रहे हैं। इसके लिए उनका आभार है। इस दौरान कोविड नियमों का पालन किए जाने की बात कही जा रही है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि कार्यकर्ता हमारे जन्मदिन को जन कल्याणकारी दिवस के रूप में मना रहे हैं। आज का दिन दलित कल्याण दिवस का है। उन्होंने कहा कि बसपा ने हमेशा दलितों, पिछड़ों और वंचितों के लिए काम किया है। जनता एक बार फिर बसपा को सत्ता में ला रही है।
53 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा
मायावती ने इस मौके पर कहा कि यूपी विधानसभा चुनाव के पहले चरण के 58 में से 53 सीटों पर प्रत्याशी फाइनल कर दिए गए हैं। आज मैं अपने जन्मदिन के मौके पर पहले चरण की बीएसपी के उम्मीदवारों की सूची जारी कर रही हूं। बाकी बची 5 सीटों पर भी जल्द उम्मीदवारों के नाम फाइनल किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि चुनावों के समय दल बदलने वाले नेताओं पर सख्ती के साथ नियम बनाने की जरूरत है। दलबदलू नेता चिल्ला-चिल्ला कर ही कह रहे थे समाजवादी पार्टी अंबेडकरवादी पार्टी भी है। इनमें रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है। समाजवादी पार्टी ने ही दलितों की पदोन्नति के मामले में विधायक को फाड़ कर फेंक दिया था, जो अभी तक लटका हुआ है।
सपा पर लगाया बड़ा आरोप
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि दलित समाज में जन्मे संतो महापुरुषों के नाम पर रखे गए जिलों के नाम और कल्याणकारी योजनाओं के नाम जो हमने बदले थे, सपा ने हमेशा उसका विरोध किया। हमारी सरकार ने भदोही जिले को नया नाम दिया गया संत रविदास के नाम पर दिया, सपा ने बदल दिया। समाजवादी पार्टी ने सिर्फ यादवों का ध्यान रखा है, जबकि हमारी पार्टी ने दलितों के साथ-साथ यादव मुसलमानों अगड़ी और पिछड़ी सभी जातियों का ध्यान रखा। अल्पसंख्यकों को साधते हुए मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी के पहली सूची में मुसलमान समाज के अनदेखी की गई है, जबकि बसपा की सूची में मुसलमानों का पूरा ध्यान रखा गया है।
किसी पार्टी से कोई गठबंधन नहीं
सपा में गए स्वामी प्रसाद मौर्य ने शुक्रवार को मायावती पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि उनके बसपा छोड़ने के बाद पार्टी की हालत खराब हो गई। बसपा सुप्रीमो ने इस पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी में आने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य की किस्मत खुली है। बीजेपी वाले 5 साल तक उसको ढोते रहे। भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद के बसपा में शामिल करने के सवाल बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि किसी भी पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चुनाव आचार संहिता लगने की वजह से बसपा कार्यकर्ता हमारे जन्मदिन के मौके पर गरीबों की मदद नहीं कर पा रहे हैं।