कांग्रेस के इस बड़े नेता के घर क्या करने पहुंची थी महबूबा मुफ्ती

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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी इन दिनों आगामी चुनाव को लेकर विपक्षी पार्टियों से घिरी हुई नजर आ रही है. कुछ समय पहले ही बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर में पीडीपी से अपना समर्थन वापिस ले लिया था जिसके बाद राज्य में राज्यपाल शासन लागू किया गया है. पर अब सुनने में यह आ रहा है कि महबूबा मुफ्ती फिर से सत्ता में वापसी करना चाहती है. अब महबूबा मुफ्ती ने अपनी तरफ से सरकार बनाने की कोशिशों में जुटी हुई है. इस बार वह एक खास रणनीति के साथ सत्ता में दुबारा कदम रखने की तैयारी में है. इस क्रम को आगे बढ़ते हुए मुफ्ती दिल्ली के चक्कर लगाती हुई मिली है.

कुछ समय से पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती दिल्ली में

मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले कुछ वक्त से पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती दिल्ली में है. इस दौरान वो अपने लिए गठबंधन ढूंढने की कोशिश कर रही है और वह इस बार किसी भी तरीके से सत्ता हासिल करने का प्रयत्न कर रही है. माना जा रहा है कि गठबंधन करने के लिए और वापसी आने के लिए महबूबा मुफ्ती मनमोहन सिंह के घर पर भी दिखाई दी है. लेकिन अभी भी सबसे बड़ा सवाल यहीं खड़ा हुआ है कि महबूबा मुफ्ती आखिर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के घर गई किस मकसद को लेकर थी.

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महबूबा मुफ्ती सरकार बनाने के लिए लगातार राहुल गांधी से मुलाकात करने की योजना में

मीडिया की खबर के मुताबिक, महबूबा मुफ्ती ये चाहती है कि एक बार फिर से जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने की फिराक में है और सत्ता को हासिल कर सकें. बताया यह भी जा रहा है कि मुफ्ती सरकार बनाने के लिए निरंतर राहुल गांधी से मुलाकात करने की प्लानिंग कर रही है, इसी सिलसिले को जारी रखते हुए मुफ्ती पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के घर पर सोमवार को एक बैठक में शामिल हुई थी.

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जानकारी के अनुसार, यह बैठक काफी लंबी हुई थी, इस बैठक में पी चिदंबरम, कर्ण सिंह, गुलाब नबी आजाद और अंबिका सोनी ने भी शिरकत लिया था. लेकिन इसके बाद सबसे बड़ी बात सोचने की यह है कि अगर कांग्रेस और पीडीपी एक साथ गठबंधन बना भी लेती है तो क्या पीडीपी जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर सरकार बनाने में कामयाब हो पाएगी. वहीं अगर चुनाव की बात करे तो विधानसभा में पीडीपी के कुल 28 विधायक है और वहीं कांग्रेस के 12 विधायक हैं. ऐसे में अगर दोनों मिल जाते है तो दोनों दल 40 का आंकड़ा छू सकते है. जिसके बाद उनको ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना होगा. ऐसे में बीजेपी की दिक्कत बढ़ना लाजमी हो सकती है.