मीटू फेल: कई बड़े अभिनेताओं को अब भी मिल रहा है बॉलीवुड में काम

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मीटू फेल: कई बड़े अभिनेताओं को अब भी मिल रहा है बॉलीवुड में काम

सोशल मीडिया के चलते देश और दुनिया में कई तमाम बदलाव आये है. मीटू मूवमेंट को इस बदलाव का नमूना कहा जा सकता है. भारत जैसे पुरूष प्रधान देश में महिलाएं सोशल मीडिया पर अपने साथ हुए, गलत व्यवहार पर हिम्मत जुटाने लगी और उनके साथ हुए गलत व्यवहार को वह दुनिया के सामने लाने लगी थी. जिससे ऐसा लगने लगा कि यह मूवमेंट देश में महिला सशक्तिकरण के लिए एक मिसाल बन जाएगा, लेकिन इस आंदोलन के एक साल बाद चीजों में बहुत ज्यादा बदलाव आ गये.


बता दें कि हाल में ही नाना पाटेकर को मुंबई पुलिस ने सबूतों के अभाव में क्लीनचिट दी है. नाना पर एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता ने एक दशक पहले आई फिल्म के दौरान छेड़छाड़ के आरोप लगाय़ा था.
वहीं अपनी संस्कारी छवि के लिए मशहूर आलोकनाथ पर विनता नंदा ने रेप का आरोप लगाया था. इसके अलावा मशहूर एक्ट्रेस संध्या मृदुल ने भी उन पर हैरेसमैंट का आरोप लगाया. वहीं एक और एक्ट्रेस ने साफ कह दिया था कि आलोकनाथ इंडस्ट्री में लड़कियों के साथ गलत व्यवहार को लेकर बदनाम है. इन आरोपों के बावजूद आलोक नाथ अजय देवगन के साथ फिल्म ‘दे दे प्यार दे’ में नजर आ चुके हैं.


इसके अलावा विकास बहल पर भी एक महिला ने गंभीर आरोप लगाए थे जिसके बाद फैंटम कंपनी तक बंद हो गई थी. विकास बहल पर जब ये आरोप लगे थे, उस समय वे ऋतिक रोशन की फिल्म सुपर 30 में बिजी थे. आरोप सामने आने के बाद विकास को इस प्रोजेक्ट से निकाल दिया गया था.

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अनु मलिक जिन पर सोना मोहपात्रा के अलावा कुछ महिला संगीतकारों ने संगीन आरोप लगाए थे, जिसके चलते उन्हें एक रिएलिटी शो से निकाल दिया गया था. फराह खान के भाई साजिद खान पर भी कई एक्ट्रेसेस ने गंभीर मानसिक टॉर्चर और यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए, जिसके बाद उनसे भी हाउसफुल 4 के डायरेक्शन की कमान छीन ली गई थी. नाना पाटेकर भी इस फिल्म का हिस्सा थे और उन्हें भी इस फिल्म से अलग कर दिया गया था.

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मालूम हो कि तनुश्री दत्ता के बाद ऐसी कई महिलाओं ने और बॉलीवुड अभिनेत्रियों ने कई लोगों पर उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. यहां तक की बॉलीवुड के कई सितारों पर भी उत्पीड़न के आरोप लगाये गये थे. जिसके बाद बॉलीवुड के जाने माने सितारों ने ऐसे लोगों के साथ काम करने से भी इंकार कर दिया,


हालांकि डिग्निटी मार्च जैसे कुछ कार्यक्रमों के द्वारा इस आंदोलन को ग्रामीण भारत तक भी पहुंचाने की कोशिश भी की गई थी, लेकिन ये प्रयास सफल होता नज़र नहीं आया. ये मूवमेंट सिर्फ मध्यम वर्गीय और अपर क्लास महिलाओं तक ही सीमित रह गया और इसके बावजूद भी ये मूवमेंट सफल होता नहीं दिख रहा है.


फिलहाल तो ताजा अपडेट ये है कि विकास बहल और नाना पाटेकर इन मामलों में क्लीन चिट पा ही चुके हैं. विकास एक बार फिर सुपर 30 में डायरेक्टर का क्रेडिट पा रहे हैं. आलोक नाथ गंभीर आरोपों के बावजूद भी अपने फिल्मी करियर में वापसी कर ही चुके हैं. वहीं साजिद खान और अनु मलिक भी कुछ समय बाद किसी फिल्म या म्यूजिक शो में नज़र आ ही जाएंगे. ऐसे में सवाल ये उठता है कि मीटू आंदोलन को भारतीय इंडस्ट्री ने कभी गंभीरता से लिया ही नहीं पर क्यो.?