बचपन से ही चाँद तारों से जुडी दुनिया में रुचि रखने वाली मीनाक्षी तलवार ने उसी को अपनी जिंदगी का मकसद बना लिया। सौरमंडल के बारे में पढ़ाई करके बीटेक तक पहुंचते-पहुंचते उन्होंने ऐसा ग्लाइडर बना दिया जो सौर ऊर्जा से संचालित है। इसके लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने उन्हें वर्ल्ड रैंक वन टीम में चुनकर सम्मानित किया है।
अमेरिका से सम्मान लेकर लौटी मीनाक्षी से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने भी मुलाक़ात की। मिनाक्षी का कहना है कि वे बचपन से ही सौर मंडल के बारे में जानना चाहती थी। वह बचपन से एक वैज्ञानिक बनना चाहती थी। इसी रूचि को उनके परिवार और दोस्तों का साथ मिला। मिनाक्षी का कहना है, ‘मेरे दोस्तों और परिवार के साथ का ही नतीजा है कि मैं ये ग्लाइडर बना पाई।’ यह ग्लाइडर रॉकेट के जरिए सौरमंडल में जाता है, वहीं से यह वायरलेस विधि से वहां का डाटा नीचे बने ग्राउंड स्टेशन पर भेजता है। इस ग्लाइडर से ऊपर के तापमान और दबाव का पता चलता है।
मिनाक्षी का कहना है कि वे इस क्षेत्र में शोध करती रहेगी। मिनाक्षी ने कहा, ‘मैं इसरो में जाकर स्पेस से संबंधित मिशन में भाग लेना चाहती हूं, मैं देश में रहकर देश के लिए कुछ करना चाहती हूं ताकि लोग मेरे काम को सराहे।’ मिनाक्षी के पिता सुरेंद्र तलवार एक चार्टर्ड एकाउंटेंट है और मां अशिमा तलवार हाउस वाइफ हैं। मिनाक्षी के घर में किसी को भी विज्ञान में इतनी रूचि नहीं है। लेकिन मिनाक्षी की रूचि इस क्षेत्र में बचपन से ही थी।