फोन ने बदली लोगो की चाल ।

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फोन ने बदली लोगो की चाल ।
फोन ने बदली लोगो की चाल ।

स्मार्टफोन लोगो के चलने को ढंग बदल रहा है । वह लोगो के चलने की सामान्य रफ्तार को भी प्रभावित कर रहा है । एक नए अध्ययन से यह जानकारी मिली है । ब्रिटेन की एंग्लिया रस्किन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया hai कि मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते लोग अपनी राह में पड़े किसी अवरोध को कम सतर्कता से और कम बार देखते है। इसमें इससे फर्क नहीं पड़ता कि वे फोन का किस तरह इस्तेमाल कर रहे है। शोधकर्ताओं ने कहा, रास्ते के अवरोध पर नजर डालने के समय में 61 फीसदी तक की कमी आ जाती है ।

चलने के लिए अपनाते है लोग रणनीति

शोधकर्तओं ने गौर किया कि मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वाले लोग अपनी ओर से रास्ते में चलते हुए एक एहतियात बरतते हुए चलते है । इस क्रम में वे कदम बढ़ाने की चापलूस रणनीति अपना लेते है । वे कदम बढ़ाने के दौरान अपने पैरों को अपेक्षाकृत ऊँचा ऊँचा उठाते है और सामान्य के मुकाबले धीमी चाल से भी चलते है। ताकि वह रास्ते में पड़ने वाले किसी भी अवरोध से ठोकर खाने के जोखिम से बच सके। शोधकर्तओं ने बताया कि जब कोई व्यक्ति राह चलते फोन पर टेक्स्ट मैसेज लिखता है तब वह जिस पैर को आगे बढ़ता है उसको समान्य स्थिति के मुकाबले 18 फीसदी ऊँचा उठाता है। चलने की रफ्तार भी सामान्य के मुकाबले 40 फीसदी तक धीमी हो जाती है।

सामन्य आदत पर असर
शोधकर्ताओं का मानना है कि राह चलते फोन का इस्तेमाल करने का मतलब है कि हम अपने आसपास की चीज़ों पर कम ध्यान देते है और अगर देते भी है तो बहुत कम समय के लिए ध्यान देते है। हालांकि लोग अपनी तरफ से पूरी सावधानी बरतते है, जिसका असर चीज़ों को देखने और चलने की हमारी सामन्य आदत पर पड़ता है।

सावधानी के साथ साथ दुर्घटनाओं को बुलावा
शोधकर्ताओं ने बताया कि हमारे नतीजों ने दिखलाया कि लोग जब चलते हुए फोन का इस्तेमाल करते है तब वे सावधानी बरतने की कोशिश करते है ताकि वे ठोकर न खाये मगर साथ ही वे दूसरी घटनाओ को बुलावा देते है। रास्ते में अचानक आ जाने वाली किसी भी चीज़ के प्रति सचेत नहीं रहते जिससे सामने आ रहे किसी भी व्यक्ति से या तेज़ी से आ रहे वाहन से टकराने की संभावना बढ़ जाती ।