मुख्तार अंसारी को पड़ा दिल का दौरा, मिलने गयी पत्नी को भी आया हार्ट अटैक

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पूर्वी उत्तर प्रदेश के मऊ से बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी और उनकी पत्नी को दिल का दौरा पड़ा है. बताया जा रहा है कि जब उनकी पत्नी उनसे जेल में मिलने पहुंचीं उसी समय उन्हें अटैक आ गया, यह देखकर पत्नी को भी अटैक आ गया. जेल में तैनात डॉक्टर आनन-फानन में उन्हें जिला अस्पताल ले गए. मुख्तार अंसारी को लगभग 8  महीने पहले ही बांदा जेल में शिफ्ट किया गया था. डॉक्टरों ने कहा कि मुख्तार अंसारी की हालत गंभीर है और उनका इलाज बांदा में संभव नहीं, इसलिए दोनों को यहां से रेफर किया जाएगा.

मुख्तार के बड़े भाई ने दी पूरी जानकारी

मुख्तार के बड़े भाई और पूर्व सांसद अफज़ाल अंसारी ने बताया कि मुख्तार जेल में पत्नी आयशा मुख्तार के साथ चाय पी रहे थे. चाय पीने के कुछ ही देर बाद वे बेहोश होकर गिर पड़े. इसके बाद आयेशा भी बेसुध हो गईं. दोनों को तत्काल बांदा अस्पताल लाया गया जहां से उन्हें लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है. दोपहर करीब 12 बजे परिवार को इस घटना की सूचना दी गई.

अफज़ाल ने कहा कि जिस तरह से ये घटना हुई हैं उससे काफी आशंकाएं जग रही हैं लेकिन इस वक़्त मेरी प्राथमिकता पहले मुख्तार और उनकी पत्नी का सकुशल इलाज करवाना है. मुख्तार का परिवार गाज़ीपुर से लखनऊ के लिए रवाना हो चुका है.

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आपको बता दें कि अफज़ाल अंसारी ने 1985 से 1996 तक लगातार जीत हासिल की. वो विधायक से लेकर सांसद तक बने. अफजल अंसारी ने वामपंथी पार्टी से लेकर सपा तक से जीत हासिल की, लेकिन 2002 के विधानसभा चुनाव में वो बीजेपी उम्मीदवार कृष्णानंद राय से चुनाव हार गए. मुख्तार इन्हीं कृष्णानंद राय की हत्या के जुर्म में जेल में बंद हैं.

पुलिस ने ली सुरक्षा की ज़िम्मेदारी

अपर पुलिस महानिदेशक लॉ एंड आर्डर आनंद कुमार ने कहा, ‘सूचना मिली है कि विधायक मुख्तार अंसारी को बांदा जेल से चिकित्सा के लिए लखनऊ या किसी अन्य शहर में रेफर किया गया है. उनकी सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी हमारी है. हम उनको हर स्तर की सुरक्षा मुहैया कराएंगे.’

बताया जा रहा है कि सूचना मिलने पर अफज़ाल ने अंसारी के लिए एयर एंबुलेंस की व्यवस्था करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी कॉल किया था. हालांकि बाद में बांदा प्रशासन ने उन्हें सड़क मार्ग से ही लखनऊ रवाना कर दिया.

बाहुबली नेता रहे हैं मुख्तार अंसारी

मुख्तार अंसारी ने अपना सियासी सफर बसपा से शुरू किया था. वो पिछले पांच विधानसभा चुनाव में जीतकर विधायक बनते आ रहे हैं. मुख्तार 1996 में पहली बार विधानसभा चुनाव में बसपा के उम्मीदवार के तौर पर उतरे और जीत हासिल की. इसके बाद उन्होंने पलटकर नहीं देखा. निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 2002 और 2007 में चुनाव जीता. इसके बाद 2012 में अंसारी कौमी एकता दल का गठन करके चुनाव मैदान में उतरे और जीत हासिल की. 2017 में विधानसभा चुनाव में बीएसपी की तरफ से उतरे और मोदी लहर में भी जीतने में कामयाब रहे.

पहले ही बताया था जान को ख़तरा

गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी ने जेल में रहते हुए ही विधानसभा चुनाव लड़ा था. लखनऊ जेल से मुख्तार अंसारी को बांदा जेल भेजा गया था. बांदा जिला जेल भेजे जाने के कारण भी मुख्तार चर्चा में रहे थे. लखनऊ जेल से बांदा जेल शिफ्ट किए जाने पर मुख्तार अंसारी ने कथित साजिश की ओर इशारा किया था. मुख्तार अंसारी ने कहा था कि एक केंद्रीय मंत्री उन्हें जान से मारने की साजिश कर रहे हैं. मुख्तार अंसारी ने ललितपुर जाने में अपनी जान को खतरा बताया था