Mumbai News: मुंबई में 22 से 28 दिसंबर के बीच शीतकालीन सत्र, कामकाज सलाहकार समिति का निर्णय

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Mumbai News: मुंबई में 22 से 28 दिसंबर के बीच शीतकालीन सत्र, कामकाज सलाहकार समिति का निर्णय

मुंबई
महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन अधिवेशन मुंबई में 22 से 28 दिसंबर के बीच होगा। सत्र में पूरक मांग सहित 12 बिल रखे जाएंगे। महज एक सप्ताह के शीतकालीन सत्र की अवधि बढ़ाने तथा कार्यक्रम के कुछ बदलाव के लिए 24 दिसंबर को फिर से कामकाज सलाहकार समिति की बैठक बुलाई गई है। सत्र के दौरान विधान भवन परिसर में उन्हीं को प्रवेश दिया जाएगा, जिन्होंने वैक्सीन की दोनों खुराक ले ली है। साथ ही आरटीपीसीआर जांच अनिवार्य होगी।

विधानभवन में आयोजित कामकाज सलाहकार समिति की बैठक में विधान परिषद के सभापति रामराजे नाईक-निंबालकर, विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरी झिरवाल, विधान परिषद उपसभापती डॉ. नीलम गोऱ्हे ( विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए), उपमुख्यमंत्री अजित पवार, संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब, राजस्व मंत्री बाला साहेब थोरात, जलसंपदा मंत्री जयंत पाटील, नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे, गृहमंत्री दिलीप वलसे-पाटील, विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर, विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस, संसदीय कार्य राज्यमंत्री संजय बनसोडे, विधिमंडल कामकाज सलाहकार समिति के सदस्य, संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

आरटीपीसीआर टेस्ट है अनिवार्य
संसदीय कार्यमंत्री अनिल परब ने बताया कि, शीतकालीन सत्र के दौरान विधान भवन में प्रवेश करने वाले के लिए वैक्सीन की दोनों खुराक और आरटी पीसीआर जांच अनिवार्य किया गया है। यह जांच हर सप्ताह होगी। विधान भवन में मंत्री, राज्य मंत्री के साथ केवल एक कर्मी को ही प्रवेश दिया जाएगा। साथ ही विधानमंडल सदस्यों के निजी सहायक, वाहन चालकों के लिए विधान भवन के बाहर प्रांगण में व्यवस्था की जाएगी। इस अवधि के दौरान निजी व्यक्तियों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। बैठक में कार्य अनुसूची, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, प्रश्नोत्तर आदि पर चर्चा की गई।

चार दिन में क्या होगी चर्चा: फडणवीस
विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया कि, यह सरकार चर्चा से भाग रही है। उसे आम आदमी की समस्याएं हल करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। कहने के लिए तो यह एक सप्ताह का सत्र होगा। सत्र के पहले दिन शोक प्रस्ताव रखा जाएगा। कामकाज महज चार दिन ही चलेगा। उसमें एक दिन पूरक मांग पर चर्चा और मंजूरी में चला जाएगा। हमने अधिवेशन की अवधि बढ़ाने की मांग सरकार से की है, लेकिन सरकार की मानसिकता अधिवेशन लेने और सवालों का सामना करने की नहीं है।

फडणवीस ने कहा कि, दो साल से अतारांकित सवालों के जवाब नहीं दिए जा रहे हैं। सरकार ने दो साल से लंबित अतारांकित प्रश्नों के उत्तर देने का आश्वासन दिया है। कम से कम अधिवेशन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव होना चाहिए। पिछले दो साल से नागपुर में अधिवेशन नहीं हुआ है। यह सरकार विदर्भ के लोगों के साथ अन्याय कर रही है।

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