जानिए भारत के पहले स्मार्ट विलेज का नाम क्या है?

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प्रधानमंत्री मोदी की मुहीम स्मार्ट विलेज बनाने की काफी कारगार हो रही है और ‘सोच बदलो-गांव बदलो’ की मुहिम के जरिए ग्रामीणों के आपसी सहयोग से गांव का विकास किया गया। इस मुहीम के तहत राजस्थान के धौलपुर जिले का धनौरा भारत का पहला स्मार्ट गांव बना था। जो कम्यूनिटी हॉल, चौड़े रास्ते, सभी घरों में टॉयलेट जैसी सुविधाओं से लैस है।

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इतना ही नहीं इन्हें इंस्पेक्शन चेंबर और मेन होल्स के द्वारा लगभग दो किलोमीटर लंबी सीवरेज लाइन से जोड़ा गया है। आपको यह भी बताना चाहेंगे की इस स्मार्ट गांव में गलियों में रोशनी के लिए जगह-जगह पर सोलर लाइटें लगाई गई हैं। स्कूल में आधुनिक शौचालय की सुविधा प्रदान की गई है। यहां बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा प्रदान करने के लिए साड़ी सुविधा प्रदान की गई है। अब इस गांव के बच्चे कंप्यूटर शिक्षा भी ले सकते है।

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‘सोच बदलो-गांव बदलो’ की मुहिम के जरिए देश के गांव को स्मार्ट और सभी सुविधाओं से लैस करने के लिए कई कदम उठाये गए है। राजस्‍थान के राजसमंद इलाके का पिपलांत्री गांव दूसरे स्‍थान पर है और वही पटना का पैनल तीसरे स्थान पर रहा है। जहां पहले गांव में कुछ ही घरो में शौचालय होते थे। वही इस पूरे गांव में यह सुविधा है साथ ही स्कूल, रोड और पानी पर भी ध्यान दिया गया है।

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