प्रधानमंत्री मोदी रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ अनौपचारिक शिखर बैठक के लिए 21 मई को जाएंगे रूस

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पिछले महीने चीन के राष्टपति शी चिनफिंग के साथ वुहान में अनौपचारिक बैठक करने के बाद अब पीएम मोदी रूस की यात्रा पर जाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने की 21 तारीख को रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के साथ अनौपचारिक शिखर बैठक करेंगे. यह बैठक रूस के सोची में होना है. पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के साथ यह अनौपचारिक शिखर बैठक दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्ते बनाने से है.

विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि इस बैठक के दौरान दोनों नेता अंतरराष्ट्रीय मसलों पर व्यापक चर्चा करेंगे. वहीं अंतरराष्ट्रीय महत्व के विषयों पर व्यापक एवं दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य में चर्चा करेंगे. माना जा रहा है कि मोदी और चिनफिंग की बैठक की तरफ यह मुलाकात भी द्विपक्षीय रिश्तों में नई सोच भरने वाला साबित होगी. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह रुस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के साथ पहली अनौपचारिक मुलाकात है. इससे मुलाकात से भारत यह भी संदेश देना चाहता है कि उसकी विदेशी नीति किसी भी दूसरे देश की विदेशी नीति से प्रभावित नहीं होती.

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इस अनौपचारिक शिखर बैठक का क्या है मुख्य उद्देश्य

इस अनौपचारिक शिखर बैठक का अहम बात यह है कि इससे दोनों देशों के द्विपक्षीय मसलों और राष्ट्रीय विकास के मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगीं. इस मुलाकात को ना सिर्फ दोनो देशों की रिश्तों को देखते हुए अहम माना जा रहा है, बल्कि हाल के महीनों में जिस तरह से वैश्विक स्तर पर बदलाव शुरु हुए हैं उसे देखते हुए भी इसकी अहमियत बढ़ जाती है. विदेशी मंत्रालय से यह पता चला है कि मोदी और पुतिन की अनौपचारिक बैठक के एजेंडे में सबसे अहम यह होगा कि किस तरह से दोनों देशों के विशेष रिश्ते में हाल के वर्षो में आई शिथिलता को दूर किया जाए.

जानकारी से यह पता चला है कि मोदी और पुतिन के बीच होने वाली अनौपचारिक शिखर बैठक में अमेरिका और रूस के बीच हुई उपजी स्थिति पर विस्तार से चर्चा होने के आसार है. आज भी भारत अपनी रक्षा से संबंधित चीजों का 63 फीसद रूस से ही खरीदता है. बहरहाल भारत ने रूस से एस 400 मिसाइल खरीदने की प्रक्रिया भी शुरु की है. जानकरी के मुताबिक, विदेशी मंत्रालय ने यह सूचना देते हुए कहा है कि ”राष्ट्रपति पुतिन के आमंत्रण पर पर मोदी उनके साथ अनौपचारिक बैठक के लिए शहर सोची पहुंचेंगे. जहां पर दोनों के बीच रणनीतिक साझेदारी वाले द्विपक्षीय रिश्तों को बढावा देने की वार्तालाप होनी है. वहीं इस मुलाकात का दौरा यही तक सीमित नहीं है अगले महीने मोदी और पुतिन की चीन में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (सीएसओ) की शीर्ष बैठक में भी मुलाकात होगी.

गौरतलब है कि कुछ महीनों से भारत और अमेरिका के कोई भी शीर्षस्तरीय बैठक नहीं हुई है. बता दें कि 2018 मे दोनो ही देशों की मीटिंग होनी थी पर अमेरिकी विदेश मंत्री के बदले जाने के बाद यह स्थगित हो गया है. भारत ने हाल के महीनों में ईरान और रूस के साथ कनेक्टिविटी से जुड़ी परियोजनाओं पर विचार करना शुरु किया है. लेकिन अमेरिका इसको लेकर सकारात्मक नहीं है.