मदरसों के लिए योगी सरकार का नया फरमान

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यूपी में योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद मदरसों के लिए एक के बाद एक आदेश जारी किए जा रहे हैं। ताजा खबर के मुताबिक सरकार ने मंगलवार को मदरसों को ये आदेश दिया है कि मदरसों में जो जानकारी उर्दू में लिखी जाती है। जैसे- मदरसों के खुलने या बंद होने का समय, मदरसों के नाम, उस जगह का नाम और तमाम तरह की जानकारी वो अब उन्हें हिंदी में भी लिखना होगा। इस मामले में योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्री बलदेव सिंह ओलख के हवाले से कहा गया है कि लोगों को मदरसों को लेकर जानकारी मिल सके इस लिए ये कदम उठाया गया है, क्योंकि सभी लोग अरबी नहीं समझते हैं। लेकिन इस आदेश का विरोध भी शुरू हो गया है। मदरसा संचालकों ने ऐसा करने से साफ इनकार किया है।

ये पहला मामला नहीं है जब सरकार की तरफ से मदरसों के लिए इस तरह का आदेश जारी किया गया है, बता दें कि स्वतंत्रा दिवस के मौके पर भी सरकार ने मदरसों को स्वतंत्रता उत्सव की वीडियो ग्राफी करवाने का आदेश दिया था, जिसके अनुसार हर मदरसों में वंदे मातरम गाना अनिवार्य कर दिया गया था। इसके बाद एक आदेश के अनुसार योगी सरकार ने सभी मदरसों की निगरानी जीपीएस सिस्टम से करवाने की बात कही थी और एक पोर्टल बनाने की भी बात कही थी, जहां सभी मदरसे अपना पंजिकरण करवा सकें ताकि उनको सरकारी मदद आसानी से उपलब्ध हो सके। यही नहीं ये भी पता लगाया जा सके कि मदरसों को वित्तिय मदद कहां-कहां से मिल रहा है और वो उन पैसों का सही उपयोग कर रहे हैं कि नहीं। बता दें कि मदरसों के संचालकों पर गड़बड़ी के आरोप लगते रहे हैं। आरोपों के मुताबिक मदरसों के संचालक पैसों का इस्तेमाल नीजी लाभ के लिए करते हैं। हालांकि इन सभी आदेशों का मदरसा संचालकों समेत कई मुस्लिम संगठनों ने विरोध किया था।

सरकार के इस आदेश के बाद देवरिया के जिला अल्पसंख्यक अधिकारी ने जिले के सभी मदरसों के लिए मौखिक आदेश जारी कर दिया है। उन्होंने कहा है कि जिले के सभी मदरसे अब उर्दू के साथ-साथ हिंदी में भी मदरसों का नाम लिखें। मदरसों के खुलने और बंद होने का समय भी हिंदी में लिखा जाए, ताकि उर्दू न जानने वाले इसे समझ सकें।