सीबीएसई पेपर लीक मामले में हुए कई चौंकाने वाले खुलासे, छात्रों का प्रदर्शन जारी

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सीबीएसई पेपर लीक मामले ने एक बार फिर से देश की परीक्षा व्यवस्था की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिये हैं. बुधवार को सीबीएसई ने घोषणा की थी कि पेपर लीक के मद्देनज़र 10वीं की गणित की परीक्षा और कक्षा 12वीं की अर्थशास्त्र की परीक्षा दोबारा ली जाएगी. इसके बाद से सीबीएसई पेपर लीक के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन लगातार जारी है. अब नेशनल स्‍टूडेंट्स यूनि‍यन ऑफ इंडि‍या (NSUI) भी छात्रों के समर्थन में आ गई है.

एनएसयूआई ने शुक्रवार को छात्रों के साथ दिल्ली में उद्योग भवन के बाहर प्रदर्शन किया प्रदर्शनकारी छात्र केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के घर तक मार्च निकाल रहे हैं. CBSE के छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर के घर के पास धारा 144 लगाकर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.

इससे पहले इसी मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं अभिभावकों और विधार्थियों के दर्द को समझ सकता हूं. मैं भी नहीं सो सका, मैं भी एक अभिभावक हूं. इस पेपर लीक मामले में जो भी दोषी होंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.

हज़ारों में थी एक पेपर की कीमत

सीबीएसई पेपर लीक मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने CBSE के एग्जामिनेशन कंट्रोलर को समन किया. सीबीएसई ने चार घंटे तक पूछताछ की है. पूछताछ की जा रही है कि CBSE परीक्षा को लेकर किस तरह के सिक्योरिटी फ़ीचर्स अपनाती है. पेपर की प्रिंटिंग कहां होती है? एग्जामिनेशन सेंटर तक पेपर कैसे भेजे जाते हैं? लीक की ख़बर मिलते ही CBSE ने क्या क़दम उठाए?

इसके अलावा पुलिस सूत्रों का कहना है कि करीब 1,000 छात्रों को लीक पेपर मिले. पहले लीक पेपर के लिए 35,000 रुपये लिए गए थे. बाद में कुछ अभिभावकों ने इसे 5,000 रुपये में दूसरे को बेचा.

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लगातार पूछताछ से भी नही मिले जवाब

वहीं गुरुवार को क्राइम ब्रांच की टीम ने चार घंटे तक परीक्षा नियंत्रक से मामले की पूछताछ की. सीबीएसई बोर्ड के पेपर लीक मामले को सामने आये चार दिन हो चुके हैं लेकिन अभी तक ये पता नहीं चल पाया कि इस लीक कांड का मास्टर माइंड कौन है. दिल्ली पुलिस अब तक 60 से ज्यादा लोगों से पूछताछ कर चुकी है,पर कुछ हासिल नही हुआ.

सूत्रों के मुताबिक पेपर लीक होने के कई दिन पहले सीबीएसई को एक फैक्स और एक गुमनाम लिफाफा आया था. इन दोनों में राजिंदर नगर के एक स्कूल में पढ़ाने वाले ट्यूटर के बारे में लिखा था. हालांकि, इन दोनों ही बातों पर सीबीएसई ने गौर नहीं किया. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गूगल से उस मेल की तमाम जानकारी मांगी है, जिससे सीबीएसई को पेपर लीक की शिकायत मिली थी. वो मेल कहां से जनरेट हुआ था और कहां से वो मेल किया गया था अब तक इसकी भी सूचना नही है. बोर्ड को पहले ही पता चल चुका था कि पेपर लीक हो गया है. लीक करने वालों ने पर्चे का हल CBSE को भेजकर खुली चुनौती भी दे दी थी लेकिन बोर्ड हाथ पर हात धरे बैठा रहा.