योगी के लिए लाए गये चमचमाते नए बर्तन ,गाँव में मिनरल वाटर का भी किया गया बन्दोबस्त

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बीजेपी में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदर दस मोदी द्वारा चलाये गये ग्राम स्वराज अभियान के तहत ,बीजेपी की तमाम सांसद और मंत्री बहुल दलित आबादी वाले गाँवों में एक रात गुज़ार रहे है l आपको बता दें कि इस अभियान का मकसद बीजेपी की दलितों पर कमज़ोर पड़ रही पकड़ को मज़बूत करना है l इस्सी सिलसिले में ,
पिछले कुछ दिनों से हमारे जन प्रतिनिधियों में दलितों के घर जाकर खाना खाने की होड़ सी मची हुई है l तो इसमें उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ कैसे पीछे रह सकते है।

अमरोहा में की गयी CM की मेहमान नवाजी 

लेकिन दलितों के घर में जब ये मंत्री ,राजनेता शिरकत करते है तो उनके आने से पहले उनकी मेहमान नवाजी के लिए क्या-क्या होता है? यह जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ गुरुवार को पश्चिमी यूपी के अमरोहा जिले में एक दलित के घर खाना खाना पहुंचे थे ,वहां उनके पहुँचने से पहले ही दलित के घर एवं इस पूरे गांव की तस्वीर पूरी तरह से बदल दी गई।
आपको बता दे कि करीब 1400 की आबादी वाले इस गाँव में दलितों की संख्या तकरीबन 1000 है l दरअसल गुरूवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गाँव की प्रधान प्रियंका के घर आना था l यहा उनके भोजन के मेन्यू में लौकी, तोरई की सब्जी, दाल, चावल, रोटी और सलाद का इंतजाम किया गया था । भोजन लहसुन -प्याज रहित था l

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गायों को भी शैम्पू से नहलाया  गया 
सीएम के मेहंदीपुर गाँव में रात गुजारने के लिए पहुंचने से पहले ही ,गाँव की सड़कों की मरम्मत कर दी गयी ,बदबूदार नालों को साफ़ किया गया ,यहाँ तक अँधेरे से घिरे गाँव में बिजली का कनेक्शन भी आ गया l गाँव की प्रधान जिनके घर योगी को भोजन के लिए जाना था , घर के छप्पर के नीचे की तरफ पॉलीथीन की नई सीटें लगा दी गईं। इतना ही नहीं घर के आंगन में खड़ी गायों को भी शैम्पू से खूब रगड़ – रगड़ कर नहलाया गया। जिस घर में पीने के लिए साफ पानी तक नहीं आता था वहां ‘मिनरल वाटर’ के ढेर लग गए। घर में चमचमाते नये-नये बर्तन मंगवाए गए ताकि सीएम साहब उसमें खाना खा सकें। यहां आपको बता दें कि मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ पहली बार अमरोहा पहुंचे थे l

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लोकसभा 2019 चुनाव को देखकर चलाया गया है ग्राम स्वराज अभियान

ग्राम स्वराज अभियान के तहत ये तोह नही पता कि क्या भाजपा लोकसभा चुनाव 2019 के लिए दलितों को अपने पाले में कर पाएंगे या नही l लेकिन इतना तो तय है कि इन गाँवों में वीवीआईपी मंत्रियों के आने से इनके स्वागत दिखावे के लिए ही सही लेकिन गाँव की हालात में तबदीली ज़रूर आ रहीं है l