भारत के लोगों को किसी ना किसी परेशानियों का आये दिन सामना करना पड़ता है. कभी दंगे, कभी आंधी-तूफान या तो कभी राजनीती कुछ ना कुछ परेशानियां हम हिंदुस्तानियों को चैन से जीने नहीं देती है. अब देशवासियों को एक और परेशानी से झुझना पड़ा रहा है. जो एक वायरस है. इस वायरस का नाम निपाह वायरस है, इस वायरस से कई लोगों की मौत हो गई है. यह वायरस इसलिए बेहद खतरनाक माना जाता है क्योंकि अभी तक इसका कोई इलाज नहीं है और न ही इसका कोई वैक्सीनेशन अभी तक उपलब्ध हो पाया है.
भारत का कौन सा राज्य है इस वायरस का शिकार
जी हां आज हम एक खतरनाक वायरस के बारे में आप सभी को बतायें गए. केरल के कोझीकोड में खतरनाक निपाह वायरस फैल रहा है. इसकी चपेट में आने से अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है. और 25 लोगों के खून में निपाह वायरस होने की पुष्टि पाई गई है. इस सभी को डॉक्टरों की निगरानी में रखा हुआ है.
जिसके बाद से केरल सरकार से इस संबंध पर एनसीडीसी और एनआईडी से जुड़े लोगों को तुरंत तैनाती की मांग की है. इस बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने एनसीडीसी की टीम को केरल के कोझीकोड का दौरा करने का आदेश भेजा है. जानकारी के अनुसार, आज नेशनल सेंटर फॉर डीसीज कंट्रोल (एनसीडीसी) की टीम इस प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेगीं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने इस संबंध में एक कमेटी नियुक्त की है जो इस बात पर ध्यान देंगी कि इस वायरस का शिकार कोई और लोगों न हो जाए. उधर, पुणे वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट ने खून के तीन नमूने लिए, जिसमें निपाह वायरस होने की भी पुष्टि हुई है.
क्या होता है निपाह वायरस
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के मुताबिक, यह वायरस चमगादड़ से फलों में और फलों से इंसानों और जानवरों में फैलता है. पहली बार 1998 में मलेशिया के कांपुंग सुंगई में निपाह वायरस के लक्षण देखने को मिलें थे. जिसका सबसे ज्यादा असर सूअर में देखा गया था. इस जगह के कारण ही इसे निपाह वायरस नाम दिया गया. इसके बाद साल 2014 में इस वायरस के फैलने की जानकारी बांग्लादेश में हुई थी. और अब इस वायरस को भारत के केरल शहर में पहली बार देखा गया है.
क्या है इस वायरस के लक्षण
इस वायरस के कारण प्रभावित लोगों को साँस लेने में दिक्कत होती है, फिर दिमाग में जलन जैसी महसूस होती है. यह वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में आसानी से पहुंच जाता है. इसके बाद इंसेफेलाइटिस के शिकार हो जाते है. अगर इस बीमारी का इलाज वक्त रहते नहीं करवाया जाता तो मौत भी हो सकती है. वहीं अगर वैक्सीन की बात करें तो फ़िलहाल इस वायरस से जुडी कोई वैक्सीन नहीं आई है.
इस वायरस से बचने के लिए बहरहाल, फलों, खासकर खजूर खाने से बचना चाहिए. पेड़ से गिरे फलों को नहीं खाना चाहिए. बीमार सुअर और दूसरे जानवरों से दूरी बनाए रखनी चाहिए.