निर्भया के गुनहगारों को होगी फांसी, नहीं होगा कोई विचार विमर्श- सुप्रीम कोर्ट

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दिल्ली के बहुचर्चित निर्भया गैंगरेप मामले में सोमवार (नौ जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने इस मामले के तीन दोषियों की पुर्नविचार याचिका खारिज कर दी। यानी कोर्ट ने दोषियों की फांसी की सजा का फैसला बरकरार रखा। कोर्ट का कहना है कि गुनहगारों को इस मामले में फांसी की सजा सही दी गई है।

Rape case -

निर्भया मामले में यह फैसला प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने सुनाया। 29 वर्षीय के.मुकेश, 22 वर्षीय पवन गुप्ता और विनय शर्मा फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। इन्हीं तीनों ने पुर्नविचार याचिका दी थी।

आपको बता दें कि इस मामले में कुल छह दोषी थे, जिसमें चौथे अक्षय कुमार सिंह ने कोर्ट के पिछले फैसले के खिलाफ पुर्नविचार याचिका नहीं दी थी। हालांकि, उसके वकील ने कहा है कि वह जल्द ही पुर्नविचार याचिका दाखिल करेगा।

दिल्ली हाईकोर्ट और ट्रायल कोर्ट ने पिछले साल इस मामले में चार दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी। वहीं, पांचवें ने खुदकुशी कर ली थी, जबकि छठा दोषी नाबालिग था। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने उसे सुधार गृह में तीन साल रखने के बाद रिहा कर दिया था।