नई दिल्ली: हवाई यात्रा से सफर करने वाले यात्रियों के लिए एक बड़ी खबर है कि अब फ्लाइट टिकट कैंसिल करने पर कैंसिलेशन चार्ज नहीं चुकाना होगा. पर इसके लिए फ्लाइट छुटने से करीब 96 घंटे पहले तक टिकट कैंसिल करानी होगी. आपको बता दें कि एविएशन मंत्रालय ने सबसे बड़ी डिजिटल एक्सपीरियंस योजना डिजियात्रा शुरू की है. इस योजना के तहत ही सरकार ने टिकट कैंसिलेशन चार्ज खत्म करने का आदेश दिया है.
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत यात्रियों को एयरपोर्ट में नया अनुभव मिलेंगा. उन्होंनें यह भी बताया कि इस डिजियात्रा योजना पर सभी एयरलाइन्स के साथ चर्चा कर ली गई है. इस ऐलान से किसी भी एयरलाइन्स को कोई भी दिक्कत नहीं है. इस योजना की खासियत यह है कि इसके लिए किसी भी यात्री को आधार कार्ड देने की आवश्यकता नहीं होगी. यात्रियों को एयरपोर्ट में एंट्री के लिए अल्टरनेट चैनल उपलब्ध कराए जाएंगे.
टिकट के दाम भी होंगे सस्ते
एक और खुशखबरी है कि इस योजना के तहत टिकट किराए में भी कटौती देखने को मिलेगी. एविशन मंत्रालय के अनुसार, इस योजना के कारण टिकट के दाम भी कम किये जायेंगें. डिजियात्रा योजना से एयरलाइंस के पास लगेज और बोर्डिंग फीस को कम करने की गुंजाइश रहेगी. इससे उन्हें टिकट के दाम घटाने में मदद मिलेगी.
एयर सेवा ऐपा
उड्डयन मंत्रालय जल्द ही एयर सेवा ऐप को दुबारा शुरू करने जा रहा है. इस ऐप के दुबारा शुरू होने से यात्रियों को फ्लाइट से रिलेटेड और अन्य इनफार्मेशन की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी. वहीं मंत्रालय ने आज पैसेंजर सिटिजन चार्टर फोरम को 1 महीने में नोटिफाई करने का भी ऐलान किया. बहरहाल, फोरम को कंसल्टेशन के लिए रखा जाएगा. एक महीने के बाद फोरम का फाइनल ड्राफ्ट तैयार होगा. इसके बाद इसे नोटिफाई किया जाएगा.
अब यात्री फ्लाइट में मोबाइल का इस्तेमाल कर पाएंगे
इस योजना से यात्रियों को कितनी प्रकार की सुविधा का अवसर प्राप्त हुआ है. अब हवाई सफर के दौरान यात्री मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर सकेंगे. यात्रा के समय यात्री कॉल या डाटा का इस्तेमाल कर सकेंगे. दूरसंचार आयोग ने कुछ वकत पहले ही उड़ान के समय मोबाइल सेवा कनेक्टिविटी को मंजूरी दी है. इस मंजूरी के बाद से अब यात्री घरेलू या विदेशी हवाई यात्रा के दौरान मोबाइल सेवा का भरपूर फायद उठा पाएगे. आपको बता दें कि सरकार के अंदर ग्रूप ऑफ मिनिस्टर्स और डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम से हरी झंडी मिलने के बाद ट्राई को इसके लिए गाइडलाइंस बनाने को कहा गया था