Omicron News: पिछले 2-3 महीनों में भेजे गए 96 पर्सेंट सैंपल में डेल्टा वेरिएंट ही मिला, नए सैंपल की जांच से पता चलेगा ओमीक्रोन की एंट्री का
हाइलाइट्स
- 2-3 महीनों में भेजे गए 96 पर्सेंट सैंपल में डेल्टा वेरिएंट ही मिला
- DDMA की 29 नवंबर की बैठक में दिए प्रेजेंटेशन से हुआ खुलासा
- नए सैंपल की जांच से पता चलेगा ओमीक्रोन की भारत में एंट्री का
नई दिल्ली: कोरोना के बदलते स्वरूप यानी नए वेरिएंट का पता लगाने के लिए दिल्ली में इंस्टिट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज (आईएलबीएस), लोक नायक अस्पताल और एनसीडीसी में जीनोम सीक्वेंसिंग की जा रही है। दिल्ली आपदा प्रबंधन अथॉरिटी (डीडीएमए) की 29 नवंबर को हुई मीटिंग में पिछले कुछ महीनों में की गई नमूनों की जांच की रिपोर्ट को लेकर प्रेजेंटेशन दिया गया। सितंबर से नवंबर के मध्य तक के आंकड़ों से सामने आया है कि करीब करीब 96 फीसदी नमूनों में डेल्टा वेरिएंट ही मिला है। अप्रैल-मई के दौरान डेल्टा वेरिएंट ने ही दिल्ली में कहर बरपाया था और पिछले कुछ दिनों तक जो जांच हुई थी, उसमें डेल्टा वेरिएंट की ही पुष्टि हो रही है।
डीडीएमए की बैठक में प्रेजेंटेशन दिया गया कि फरवरी में करीब 1225 नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई थी, जिसमें से 5.95 में अल्फा और 94 फीसदी में कोई और स्वरूप की पुष्टि हुई थी। अप्रैल में 54 फीसदी मामलों में डेल्टा और 12 फीसदी में अल्फा वेरिएंट का पता चला था, उसके बाद से डेल्टा के मामले बढ़ते गए थे। मई के बाद से तो ज्यादातर नमूनों की जांच में डेल्टा वेरिएंट ही पाया गया। सितंबर से नवंबर के मध्य तक जितने नमूनों की जांच हुई, उनमें 90 फीसदी से ज्यादा में डेल्टा ही मिला और यह आंकड़ा 96 फीसदी तक पहुंच गया है। हालांकि अब साउथ अफ्रीका से एक नये वेरिएंट ओमिक्रॉन का पता चला है और एयरपोर्ट पर कोविड पॉजिटिव के जो मामले सामने आए हैं, उनकी जांच हो रही है। नमूनों की जांच के नतीजे अगले कुछ दिनों में सामने आने के बाद पता चलेगा कि क्या साउथ अफ्रीका में जिस नए वेरिएंट का पता चला है, उसकी भारत में एंट्री हो चुकी है या नहीं?
डीडीएमए की मीटिंग में बताया गया कि एनसीडीसी में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए पिछले कुछ महीनों में 7281 नमूने भेजे गए, जिसमें से 2709 में डेल्टा और 950 में अल्फा वेरिएंट मिला था। आईएलबीएस में 1140 नमूनों की जांच में 531 में डेल्टा और 16 में अल्फा मिला। लोक नायक अस्पताल में 135 सैंपल में से 101 में डेल्टा वेरिएंट की पुष्टि हुई। कोरोना के नए-नए वेरिएंट सामने आ रहे हैं। ऐसे में सर्कुलेटिंग वायरल स्ट्रेन की पहचान करने के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग की जा रही है। कोविड-19 महामारी की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए दिल्ली सरकार की तैयारियों के तहत जेनेटिक लेबोरेटरी, लोक नायक अस्पताल और आईएलबीएस में सार्स सीओवी-2 जीनोम सीक्वेंसिंग सुविधा स्थापित की गई है।
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कोविड टेस्ट (फाइल फोटो)
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हाइलाइट्स
- 2-3 महीनों में भेजे गए 96 पर्सेंट सैंपल में डेल्टा वेरिएंट ही मिला
- DDMA की 29 नवंबर की बैठक में दिए प्रेजेंटेशन से हुआ खुलासा
- नए सैंपल की जांच से पता चलेगा ओमीक्रोन की भारत में एंट्री का
डीडीएमए की बैठक में प्रेजेंटेशन दिया गया कि फरवरी में करीब 1225 नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई थी, जिसमें से 5.95 में अल्फा और 94 फीसदी में कोई और स्वरूप की पुष्टि हुई थी। अप्रैल में 54 फीसदी मामलों में डेल्टा और 12 फीसदी में अल्फा वेरिएंट का पता चला था, उसके बाद से डेल्टा के मामले बढ़ते गए थे। मई के बाद से तो ज्यादातर नमूनों की जांच में डेल्टा वेरिएंट ही पाया गया। सितंबर से नवंबर के मध्य तक जितने नमूनों की जांच हुई, उनमें 90 फीसदी से ज्यादा में डेल्टा ही मिला और यह आंकड़ा 96 फीसदी तक पहुंच गया है। हालांकि अब साउथ अफ्रीका से एक नये वेरिएंट ओमिक्रॉन का पता चला है और एयरपोर्ट पर कोविड पॉजिटिव के जो मामले सामने आए हैं, उनकी जांच हो रही है। नमूनों की जांच के नतीजे अगले कुछ दिनों में सामने आने के बाद पता चलेगा कि क्या साउथ अफ्रीका में जिस नए वेरिएंट का पता चला है, उसकी भारत में एंट्री हो चुकी है या नहीं?
डीडीएमए की मीटिंग में बताया गया कि एनसीडीसी में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए पिछले कुछ महीनों में 7281 नमूने भेजे गए, जिसमें से 2709 में डेल्टा और 950 में अल्फा वेरिएंट मिला था। आईएलबीएस में 1140 नमूनों की जांच में 531 में डेल्टा और 16 में अल्फा मिला। लोक नायक अस्पताल में 135 सैंपल में से 101 में डेल्टा वेरिएंट की पुष्टि हुई। कोरोना के नए-नए वेरिएंट सामने आ रहे हैं। ऐसे में सर्कुलेटिंग वायरल स्ट्रेन की पहचान करने के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग की जा रही है। कोविड-19 महामारी की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए दिल्ली सरकार की तैयारियों के तहत जेनेटिक लेबोरेटरी, लोक नायक अस्पताल और आईएलबीएस में सार्स सीओवी-2 जीनोम सीक्वेंसिंग सुविधा स्थापित की गई है।
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कोविड टेस्ट (फाइल फोटो)